कर्नाटक विस चुनाव : देवेगौड़ा से मिले पीयूष गोयल, कांग्रेस बेचैन
नई दिल्ली: रेल मंत्री पीयूष गोयल ने पिछले दिनों पूर्व प्रधानमंत्री और जनता दल (एस) के अध्यक्ष एच.डी. देवेगौड़ा से मुलाकात की जिससे कर्नाटक के राजनीतिक क्षेत्र में खतरे की घंटी बज उठी और कांग्रेस इससे काफी बेचैन हुई। राज्य विधानसभा चुनाव इस वर्ष अप्रैल में होने जा रहे हैं। बताया जाता है कि गोयल ने देवेगौड़ा के साथ राज्य, खासकर उनके गृह जिला हासन में लम्बित रेल परियोजनाओं पर चर्चा करने के मकसद से उनसे मुलाकात की लेकिन इस मुलाकात का राजनीतिक संदेह काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि जनता दल (एस) राज्य की राजनीति में प्रमुख भूमिका निभाता है। यद्यपि भाजपा और देवेगौड़ा एक-दूसरे को एक आंख नहीं भाते, मगर देवेगौड़ा का कांग्रेस विरोधी नजरिया दोनों राजनीतिक पार्टियों में कुछ तकनीकी सहमति की संभावनाओं का पता लगाने में सहायक हो सकता है।
2013 के विधानसभा चुनाव दौरान भाजपा को जनता दल (एस) की तुलना में कम वोट मिले थे। मगर पार्टी में मई 2018 में कांग्रेस से राज्य की सत्ता छीनने का काफी उत्साह है। यह काम आसान नहीं है। कांग्रेस ने 224 सदस्यीय विधानसभा में 36.6 प्रतिशत मतों के साथ 122 सीटों पर जीत हासिल की थी जबकि जनता दल (एस) को 20.2 प्रतिशत मत मिले और उसने 40 सीटों पर कब्जा किया। भाजपा ने भी 40 सीटें जीतीं, मगर उसे 19.9 प्रतिशत वोट मिले। भाजपा अपने बलबूते पर कांग्रेस को सत्ता से उतारने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है। पार्टी ने राज्य में मिशन 150 का लक्ष्य निर्धारित किया है। भाजपा राज्य में आने वाली चुनौतियों से अवगत है क्योंकि देवेगौड़ा निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि गोयल कर्नाटक चुनाव के लिए भाजपा के सह-प्रभारी हैं। केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर राज्य के प्रभारी हैं। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने इन दोनों मंत्रियों को राज्य में चुनावी तैयारियों की देखभाल करने के लिए नियुक्त किया है। मालूम हुआ है कि देवेगौड़ा रेल मंत्री पीयूष गोयल के साथ अपने निर्वाचन क्षेत्र में कुछ रेल परियोजनाओं पर चर्चा करना चाहते थे और उनको एक ज्ञापन भी सौंपा। गोयल अपनी मर्जी से देवेगौड़ा के सफदरजंग लेन निवास पर गए जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया व गोयल जब वहां पहुंचे तो पूर्व प्रधानमंत्री ने उन्हें सिल्क की शॉल देकर सम्मानित किया। मुलाकात के दौरान देवेगौड़ा ने राज्य में लम्बे समय से लम्बित रेलवे परियोजनाओं बारे 8 ज्ञापन सौंपे।