कल है वैशाख पूर्णिमा, जानें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त…
वैशाख के महीने की पूर्णिमा 7 मई, गुरुवार को है। इस दिन का बहुत अधिक महत्व होता है। इस वैशाख पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा भी कहा जाता है। इस दिन दान करने का भी शुभ माना जाता है। आइए, आज जानते हैं वैशाख पूर्णिमा पूजा विधि, शुभ मुहू्र्त और महत्व…
वैशाख पूर्णिमा पूजा विधि
प्रात: जल्दी उठ कर स्नान करें।
स्नान के बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
देवताओं को स्नान करवाएं और साफ-स्वच्छ वस्त्र पहनाएं।
अगर आप पूर्णिमा का व्रत करते हैं तो व्रत का संकल्प लें।
भगवान सत्यनारायण की कथा करें।
रात्रि में चंद्र देव की पूजा करें।
चंद्र देव को अर्घ्य दें।
भगवान को भोग लगाएं, इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक आहार का भोग लगाया जाता है।
भोग लगाने के बाद उसे प्रसाद के रूप में परिवार के सभी सदस्यों को दें।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भोग का एक हिस्सा गाय को खिलाना चाहिए।
वैशाख पूर्णिमा का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार वैशाख पूर्णिमा का बहुत अधिक महत्व होता है। इस पावन दिन व्रत करने से समस्त पापों का नाश होता है और मृत्यु के बाद बैकुंठ लोक में स्थान मिलता है। इस दिन किए गए दान का कई गुना फल मिलता है।
प्रत्येक माह की पूर्णिमा श्री हरि विष्णु भगवान को समर्पित होती है
प्रत्येक माह की पूर्णिमा जगत के पालनकर्ता श्री हरि विष्णु भगवान को समर्पित होती है और भागवत पुराण के अनुसार महात्मा बुद्ध भगवान विष्णु के नौवें अवतार थे। स्कन्द पुराण के अनुसार वैशाख पूर्णिमा का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि वैशाख मास को ब्रह्मा जी ने सब मासों में उत्तम सिद्ध किया है। अतः यह मास भगवान विष्णु को अति प्रिय है।
वैशाख पूर्णिमा मुहूर्त
मई 6, 2020 को शाम 7 बजकर 46 मिनट से पूर्णिमा आरंभ
मई 7, 2020 को शाम 4 बजकर 16 मिनट पर पूर्णिमा समाप्त