अन्तर्राष्ट्रीय

कश्मीर की ओर नजर उठाई तो भुगतने होंगे गंभीर परिणाम

सिक्किम में भारत और चीन के बीच जारी गतिरोध के दौरान चीन बयानबाजियों से बाज नहीं आ रहा है. चीन के थिंक टैंक ने तो यहां तक धमकी दे दी कि कोई तीसरा देश कश्मीर में दखल दे सकता है. लेकिन चीन की इस गीदड़ भभकी पर करारा जवाब देते हुए भारतीय थिंक टैंक ने उसे न सिर्फ हास्यास्पद बताया है, बल्कि चेतावनी दी है कि अगर चीन ने कश्मीर की तरफ नजर भी उठाई तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.

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भारतीय थिंक टैंक आब्जर्वर्स रिसर्च फाउंडेशन (ORF) की सदस्य और भारत-चीन के राजनीतिक मामलों की एक्सपर्ट राजेश्वरी राजगोपालन ने चीन के थिंक टैंक द्वारा जारी गीदड़ भभकी को हास्यास्पद करा दिया है.

आजतक से बातचीत में राजेश्वरी राजगोपालन ने कहा, ‘यह बयान सरकार का बयान नहीं है, बल्कि किसी विशेषज्ञ की राय है. विशेषज्ञों की राय जरूरी नहीं कि देश की पॉलिसी हो. यह बयान बेहद हास्यास्पद है, क्योंकि अगर चीन की नीयत विवादित क्षेत्रों से दूर रहने की है तो फिर वह चीन-पाकिस्तान के आर्थिक कॉरिडोर में क्यों शामिल है?’

  चीन के थ‍िंक टैंक द्वारा कश्मीर में घुसने की चेतावनी पर राजेश्वरी राजगोपालन ने कहा, ‘दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव की स्थिति में ऐसे हास्यास्पद बयान आते रहेंगे, लेकिन चीन अगर उन बयानों से आगे इसे साबित करने की मंशा रखता है तो उसे इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.’

सीमा पर चीन लगातार तनाव पैदा करने की कोशिश कर रहा है और इस तनाव के दौरान चीन की मीडिया दोनों देशों के बीच आग में घी डालने का काम कर रही है. भारतीय थिंक टैंक भी चीन को चेतावनी दे रहे हैं कि अगर उसने भारत के खिलाफ हिमाकत करने की कोशिश की, तो उसे इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. पिछले दिनों रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने भी कहा था कि भारत अब वो भारत नहीं है जो 1962 में था.  उम्मीद है कि भारत की इस चेतावनी के बाद चीन अपनी चालबाजी से बाज आएगा.

 

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