नई दिल्ली: हिजबुल कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में हिंसा अबतक पूरी तरह नहीं थमी है। वहां प्रदर्शनकारियों के पुलिस और सेना से हथियार लूटे है। बताया जा रहा है कि 70 हथियार लूटे गए है।
कुलगाम के दमहल हांजी पोरा पुलिस स्टेशन से एक विद्रोही इन हथियारों लेकर भाग गया। 70 हथियारों में कुछ ऑटोमेटिक थे तो कुछ सेमी ऑटोमेटिक। यह घटनाएं सोमवार को हुई। जबकि मंगलवार को भी सेना से हथियार छीनने के दो अलग-अलग मामले सामने आए। त्राल में एक समूह ने 4 कॉन्स्टेबलों पर हमला बोल कर उनसे हथियार छीनने की कोशिश की। देर शाम करलपुरा पुलिस स्टेशन पर हमला किया गया। खबरों के मुताबिक हमलावरों का मकसद हथियार चुराना ही था।
जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने राज्यपाल एन एन वोहरा से मुलाकात की और घाटी में कानून-व्यवस्था की स्थिति सहित राज्य से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा की। एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया, ‘राज भवन में एक घंटे तक चली बैठक में राज्यपाल एनएन वोहरा और मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शांति एवं सौहार्द कायम रखने से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की।’ दोनों के बीच राज्य से संबंधित कुछ दूसरे मुद्दों पर भी चर्चा हुई। इस बीच जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में अब भी कर्फ्यू जारी है।
घाटी में मोबाइल इंटरनेट और ट्रेन सेवाएं स्थगित रहीं। वैसे दक्षिण कश्मीर के चार जिलों में मोबाइल टेलीफोन सेवा आंशिक रूप से बहाल की गयी है। अलगाववादी संगठनों की हड़ताल ने भी घाटी में सामान्य जनजीवन पर असर डाला। अलगाववादी संगठनों ने हड़ताल का आह्वान 13 जुलाई तक के लिए बढ़ा दिया है ।
सड़कों से सार्वजनिक परिवहन नदारद रहे। हालांकि उन इलाकों में कुछ स्थानों पर निजी कार और ऑटोरिक्श्ते चलते हुए नजर अए जहां पाबंदी नहीं है। घाटी में ग्रीष्मावकाश के चलते शैक्षणिक संस्थान बंद हैं। सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ कश्मीर, कश्मीर विश्वविद्यालय, इस्लामिक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, जम्मू कश्मीर स्कूल शिक्षा बोर्ड ने वर्तमान स्थिति के चलते परीक्षाएं स्थगित कर दी हैं। सैयद अली शाह गिलानी, मीरवायज उमर फारूक और मोहम्मद यासीन मलिक समेत ज्यादातर अलगाववादी नेता हिरासत में हैं या नजरबंद हैं।