कश्मीरी नेताओं संग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक के एक दिन बाद करीब एक दर्जन से ज्यादा सेवानिवृत्त आईपीएस अफसरों ने पीएम मोदी को खत लिखा है। रिटायर्ड अफसरों ने जम्मू कश्मीर के मुद्दों को हल करने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी के द्वारा उठाए गए कदमों की खुले मन से सराहना की है। पीएम मोदी को लिखे गए इस खत में जम्मू-कश्मीर के नेताओं संग पीएम मोदी की इस मुलाकात और बातचीत का जिक्र करते हुए कहा गया है कि यह जम्मू कश्मीर की समस्याओं को दूर करने का सबसे बेहतरीन कदम और रणनीति है। बैठक में पीएम मोदी द्वारा जिक्र किये गये ‘दिल की दूरी’ और ‘दिल्ली की दूरी’ का भी उल्लेख अफसरों ने अपने खत में किया है। रिटायर्ड अफसरों ने प्रधानमंत्री को लिखा है कि जम्मू कश्मीर के नेताओं से पीएम मोदी द्वारा कही गई बात से विश्वास बढ़ेगा और यह जम्मू कश्मीर पर नीति बनाने का सबसे बेहतरीन तरीका है।
‘Track The Truth’ नाम के एक ग्रुप में एसपी वैद और के राजेंद्र कुमार भी जुड़े हुए हैं। दोनों ही अफसरों ने जम्मू और कश्मीर पुलिस में डीजी पद पर अपनी सेवा दी है। इस ग्रुप में उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह और पूर्व सीबीआई डायरेक्टर प्रकाश मिश्रा भी हैं। जिन 15 रिटायर्ड अफसरों द्वारा हस्ताक्षरित खत पीएम मोदी को भेजा गया है उनमें आईपीएस अफसर के सिंह, बद्री प्रसाद सिंह, गीता जोहरी, के अरविंद राव, के राजेंद्र कुमार, केबी सिंह, नागेश्वरा राव, पीपी पांडे, आरकेएस राठौड़, शिवानंद झा, एसके राउत और विवेक दुबे शामिल हैं।
रियायर्ड अधिकारियों ने जम्मू कश्मीर को लेकर केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की प्रशंसा की है और इसे बेहतरीन उपलब्धि करार दिया है। अधिकारियों ने कहा कि इस सूची में उन लोगों के नाम भी शामिल थे जो सरकार से अक्सर नाखुश रहते थे। जम्मू-कश्मीर की प्रगति के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की प्रशंसा के अलावा रिटायर्ड अफसरों ने स्थानीय निकाय चुनावों के लिए उठाए गए कदमों को लेकर भी पीएम मोदी की सराहना की है।
इसके अलावा पाकिस्तानी आतंकवादियों पर किये गये सर्जिकल स्ट्राइक की भी प्रशंसा इस खत में की गई है। बालाकोट में आतंकियों के ट्रेनिंग कैंप पर किये गये हमले की भी प्रशंसा की गई है। जम्मू कश्मीर को लेकर अंतरराष्ट्रीय दबाव में आए बिना मोदी सरकार के द्वारा किये गये कायों की प्रशंसा करते हुए अधिकारियों ने लिखा है कि किसी भी अंतरराष्ट्रीय तत्व ने कोई भी प्रभावशाली काम जम्मू-कश्मीर को लेकर नहीं किया। उन्होंने सिर्फ अपनी मनपसंद मीडिया में आर्टिकल्स लिखे। इस पत्र में पाकिस्तान को घुसपैठिया बताते हुए उसकी निंदा की गई है तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बॉक्सर बता कर उनकी प्रशंसा की गई है।