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कहीं आपको तो नहीं भेजा आयकर का नोटिस, ऐसे जानिए

नोटबंदी के दौरान खातों में 10 लाख रुपये से अधिक के पुराने नोट जमा कराने वालों को आयकर के नोटिस भेजे जा रहे हैं। अपने नोटिस के बारे में विभाग की वेवसाइट से जान सकते हैं।

देहरादून: नोटबंदी के दौरान खातों में 10 लाख रुपये से अधिक के पुराने नोट जमा कराने वालों को दोहरे नोटिस का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे खाताधारकों को आयकर विभाग की इन्वेस्टिगेशन विंग के स्थानीय कार्यालय के साथ ही आयकर विभाग के बंगलुरू स्थित सेंट्रल प्रोसेसिंग सेंटर (सीपीसी) से भी नोटिस जारी किए जा रहे हैं। इससे खाताधारक पसोपेश में हैं कि वह स्थानीय कार्यालय को जवाब दें या सीपीसी को। इन्वेस्टिगेशन विंग ने प्रथम चरण की जांच के दायरे में जनधन खातों में 50 हजार रुपये से अधिक और सामान्य खातों में ढाई लाख रुपये से अधिक जमा करने वालों को रखा है। वहीं, सीपीसी से 10 लाख व इससे अधिक जमा करने वालों को नोटिस भेजे जा रहे हैं।

देशभर में ऐसे करीब 18 लाख खाताधारक चिह्नित किए गए हैं, जिसमें उत्तराखंड के भी हजारों खाताधारक हैं। इन सभी को नोटिस भेजने की कार्रवाई इन्वेस्टिगेशन विंग ने पहले ही शुरू कर दी थी, जबकि अब इन्हें सीपीसी के नोटिस भी मिलने लगे हैं। लौट रहे बैरंग इससे परेशान खाताधारक इन्वेस्टिगेशन विंग के कार्यालय में संपर्क कर रहे हैं। सीपीसी से नोटिस मिलने के बाद अब तक दर्जनों लोग विंग कार्यालय पहुंच चुके हैं।

 कहीं आपको भी तो नहीं मिला नोटिस जिन खाताधारकों की ईमेल अपडेट है, उन्हें सीपीसी का नोटिस इस माध्यम से मिल रहा है। जबकि ईमेल आइडी अपडेट न होने पर भी खाताधारकों को नोटिस पहुंच रहे हैं, लेकिन ज्यादातर को इसका पता नहीं चल पा रहा। इस तरह जाने नोटिस मिला या नहीं आयकर विभाग की वेबसाइट पर ई-फाइलिंग के विकल्प पर जाएं। यहां कंपलायंस का विकल्प मिलेगा। आइटीआर फाइल करने वाले खाताधारक यूजर आइडी व पासवर्ड दर्ज करें।

इसके बाद कैश ट्रांजेक्शन-2016 का विकल्प आएगा, इस पर क्लिक करते ही पता चल जाएगा कि आपको नोटिस मिला है या नहीं।  मिलने लगे जवाब जिन खाताधारकों को आयकर विभाग की इन्वेस्टिगेशन विंग ने नोटिस जारी किए हैं, उनमें से कई के जवाब भी आ चुके हैं। जवाब की पड़ताल और आगे की कार्रवाई के लिए विंग अधिकारी अलग-अलग फाइल तैयार कर रहे हैं।

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