नयी दिल्ली : कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी की केंद, तथा गुजरात सरकार पर राज्यसभा चुनाव में जीत सुनिश्चित करने के लिए धनबल तथा बाहुबल से विधायकों का दल बदल कराने का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग से उच्चाधिकार प्राप्त समिति गठित कर इसकी जांच कराने की मांग की है। कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज यहां चुनाव आयोग से मुलाकात कर शिकायत की कि भाजपा गुजरात में हर हालत में राज्यसभा चुनाव जीतना चाहती है और इसके लिए कांग्रेस एवं अन्य विपक्षी दलों के विधायकों को मोटा पैसा देकर और डरा धमकाकर अपने पक्ष में करने का प्रयास कर रही है। इसके लिए प्रशासन का भी दुरुपयोग किया जा रहा है। प्रतिनिधिमंडल ने इस संबंध में आयोग को एक ज्ञापन भी सौंपा।
आयोग से मुलाकात के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलामनबी आजाद ने संवाददाताओं से कहा कि वहां विधायकों का अपहरण कराया जा रहा है और अपहृत विधायकों के साथ ही उनके परिजनों को भी धमकाया जा रहा है। उन्होंने इसे लोकतंत्र की हत्या करार दिया और कहा कि भारतीय लोकतंत्र में पहली बार ऐसा देखने को मिल रहा है। उन्होंने इसे गंभीर मामला बताया और कहा कि पार्टी ने आयोग से इसकी स्वतंत्र तथा निष्पक्ष उच्चाधिकार प्राप्त समिति से जांच कराने की मांग की है। कांग्रेस नेता ने कहा कि विधायकों का अपहरण कराने में राज्य सरकार की भी भूमिका है और इसमें राज्य के सरकारी अधिकारी भी शामिल हैं। उन्होंने अपहरण में शामिल अधिकारी को निष्कासित करने और अन्य दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की भी आयोग से मांग की।
प्रतिनिधिमंडल में शामिल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने कहा कि विधायकों को राज्य से बाहर ले जाया गया है। उन्होंने इसके लिए गुजरात सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि यह राज्य सरकार तथा सत्ताधारी दल पर काला धब्बा है। श्री शर्मा ने इसे लोकतंत्र पर हमला बताया और आरोप लगाया कि यह अपराध राज्य सरकार के इशारा पर किया जा रहा है। श्री शर्मा ने कहा कि गुजरात में भाजपा पैसे का खुला खेल कर रही है। उन्होंने सवाल किया कि जब पार्टी के पास वहां पर्याप्त विधायक नहीं हैं तो फिर वह राज्यसभा में तीसरे उम्मीदवार से कैसे नामांकन करवा सकती। तीसरा विधायक भी उनका अपना नहीं है बल्कि बाहर से धनबल के आधार पर खरीदा गया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंह सघवी ने कहा कि यहचिंताजनक स्थिति है कि पैसे के बल पर विधायकों को खरीदा जा रहा है। उन्होंने कहा कि दल बदल के खिलाफ सख्त कानून है और उनकी पार्टी इस मामले में कानून का सहारा लेने पर भी विचार करेगी। प्रतिनिधमंडल में श्री आजाद, श्री शर्मा तथा श्री ङ्क्षसघवी के अलावा वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी और श्री विवेक तन्खा शामिल थे।