कानपुर की शोधार्थी ने खोज निकाला लोहे में जंग का बैक्टीरिया, अमेरिका ने भी की सराहना
कानपुर : एक शोधार्थी ने बिल्डिंग मैटरियल की दुनिया ऐसी खोज की है, जिसे अमेरिका ने भी सराहा है। इतना ही नहीं शोधार्थी को यूएसए के फ्रंटियर्स इन इनवॉयरमेंटल माइक्रोबायोलॉजी के एडिटोरियल बोर्ड की सदस्यता से नवाजा है। कानपुर घाटमपुर के धरमंगदपुर गांव की रहने वाली रीना सचान आईआईटी रुड़की की शोधार्धी छात्रा हैं।
देश भर की इंडस्ट्री में लगीं बड़ी-बड़ी लोहे की मशीनों में अक्सर जंग लग जाती है और इससे कारोबार में करोड़ों का नुकसान होता है। वहीं जंग लगने से लोहा कमजोर पड़ जाता है बड़ी-बड़ी बिल्डिंगों को नुकसान होता है। इसका कारण पता लगाने के लिए रीना ने शोध शुरू किया और उन्होंने लाेहे में जंग लगने वाले बैक्टीरिया को खोज निकाला। वह बताती हैं कि जंग के बैक्टरिया का नाम सूडोमोनास स्पीशीज है। अब उनका जंग को खत्म करने पर शोध चल रही है।
रीना ने बताया कि एक जर्नल में उनका शोध कंस्ट्रक्शन एंड बिल्डिंग मैटेरियल प्रकाशित हुआ था। शोध का दुनिया भर में पढ़ा गया। इसके बाद इंटरनेशनल जर्नल ने एडिटोरियल बोर्ड में शामिल होने का प्रस्ताव दिया था। इसके बाद उनका चयन यूएसए के फ्रंटियर्स इन इनवॉयरमेंटल माइक्रोबायोलॉजी के एडिटोरियल बोर्ड की सदस्य के तौर पर हुआ है।
रीना ने बताया कि एडिटोरियल बोर्ड में कुल आठ सदस्य होते हैं। इसमें चीन, यूएसए के शोधार्थी भी शामिल हैं। अब वे इंटरनेशनल जर्नल में प्रकाशित होने वाले शोध के पेपर को गुणवत्ता जांचेंगी। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा पेपर पास करने के बाद ही आगे बढ़ाया जाएगा। रीना की शादी किदवई नगर एम ब्लाक निवासी आशीष उमराव पटेल से हुई है। रीना ने सीएसजेएमयू से एमएससी करने के बाद गेट की परीक्षा उत्तीर्ण कर मेरठ से एमटेक की पूरी पढ़ाई की।