उत्तर प्रदेशराज्य

कानपुर में छापेमारी के दौरान मिले 96.62 करोड़ रुपयों के पुराने नोट, 16 को गिरफ्तार कर भेजा जेल

कानपुर। बंद हो चुके हजार और पांच सौ के नोटों को कानपुर का नामी उद्यमी व बिल्डर आनंद खत्री अपने सहयोगी व डीएवी कालेज के बॉटनी प्रोफेसर संतोष यादव व मोहित ढींगरा की मदद से बदलवा रहा था। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) की सूचना पर मंगलवार शाम आइजी की क्राइम ब्रांच और स्थानीय पुलिस अफसरों ने इस बड़े खेल का पर्दाफाश कर दिया। स्वरूपनगर के एक बंगले से बरामद किये गए पुराने नोटों की गिनती पूरी हो गई है।कानपुर में छापेमारी के दौरान मिले 96.62 करोड़ रुपयों के पुराने नोट, 16 को गिरफ्तार कर भेजा जेल

कुल 96.62 करोड़ रुपये निकले। 16 लोगों को गिरफ्तार कर देर शाम जेल भेज दिया गया। सभी के खिलाफ स्पेसीफाइड बैंक नोट (एसबीएन) अधिनियम व धोखाधड़ी के प्रयास, षडय़ंत्र जैसी धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। एसबीएन एक्ट के तहत यह पहली कार्रवाई हुई है। बुधवार को आइजी आलोक सिंह ने प्रेसवार्ता में बताया कि कंपनियों के खाता बहियों में फर्जी प्रविष्टियों के जरिये इस रकम को बदलने का खेल चल रहा था। हालांकि नोट बदले कैसे जा रहे थे, इसका सही जवाब नहीं मिल रहा।

मेरठ में 25 करोड़ रुपये के पुराने नोट मिलने के बाद एनआइए को कानपुर में भी पुराने नोटों के एक्सचेंज होने की सूचना मिली थी। एनआइए ने दो दिन पूर्व आइजी आलोक सिंह को सूचना दी, जिस पर आइजी ने एसएसपी अखिलेश कुमार को निर्देशित किया। एसएसपी ने टीम बनाई और मंगलवार को 80 फीट रोड व फजलगंज में गगन होटल, होटल ब्लिस व होटल नमस्कार में संयुक्त रूप से छापेमारी कर 13 लोगों को गिरफ्तार किया। ये लोग बनारस, मीरजापुर, कोलकाता, हैदराबाद आदि स्थानों से पुरानी करेंसी लेकर यहां बदलने आए थे। उनकी निशानदेही पर पुलिस ने स्वरूपनगर थाने के पीछे से कपड़ा कारोबारी व बिल्डर आनंद खत्री, डीएवी के प्रोफेसर संतोष यादव व मोहित ढींगरा को गिरफ्तार कर 96.62 करोड़ रुपये के पुराने नोट बरामद किए। आरोपितों से पुलिस ने तीन लग्जरी कारें, दो रिवाल्वर भी बरामद किए।

आइजी आलोक सिंह ने बताया कि आनंद पुरानी करेंसी लेकर कुल रकम का 15 फीसद नए नोट दे रहा था। आनंद इन पुराने नोटों को 40 फीसद के हिसाब के बदलता था। इस बार भी हैदराबाद के एजेंट कुटेश्वर के माध्यम से वह डीलिंग कर रहा था। आनंद के इस कारोबार में दलाल की भूमिका प्रोफेसर संतोष यादव व मोहित ढींगरा की थी। इन लोगों ने एनआरआइ कोटे से भी नोट बदलने की बात कही है। उनके मोबाइल नंबरों व मिली डायरी के आधार पर कई लोगों की तलाश की जा रही है। अब पुलिस, आयकर विभाग और भारतीय रिजर्व बैंक उनके खातों, संपर्कों की जानकारी जुटा रही है। होटल में छापेमारी के दौरान बाहरी जिलों व राज्यों से आए आरोपियों के पास से 19.5 लाख के पुराने नोट और 15 मोबाइल बरामद हुए।

ये लोग हुए गिरफ्तार

  • – प्रापर्टी डीलर आनंद खत्री निवासी स्वरूपनगर, कानपुर
  • – संतोष कुमार यादव निवासी कल्याणपुर, कानपुर
  • – मोहित ढींगरा निवासी नजीराबाद, कानपुर
  • – संतोष पाठक निवासी चौबेपुर, वाराणसी
  • – संजय कुमार निवासी कटरा, मीरजापुर
  • – संतकुमार यादव निवासी बालैनी, बागपत
  • – ओंकार निवासी मटियारी, चिनहट, लखनऊ
  • – अनिल यादव निवासी नरही अपार्टमेंट, हजरतगंज, लखनऊ
  • – रामाश्रय निवासी तिलई विंध्याचल, मीरजापुर
  • – संजय कुमार सिंह निवासी घमहापुर रोहनिया, वाराणसी
  • – धीरेंद्र गुप्ता निवासी चैतगंज, कटरा, मीरजापुर
  • – संजीव अग्र्रवाल निवासी जेबियस हेल्दन एवेन्यू प्रगति मैदान, कोलकाता
  • – मनीष अग्र्रवाल निवासी अभयगुहा रोड लिलुआ, हावड़ा
  • – कुटेश्वर राव निवासी शाही विला, मेथाडिस्ट स्ट्रीट, हैदराबाद
  • – अली हुसैन निवासी गुर्रावाला गड्ढा गुंटूर, आंध्रप्रदेश
  • – राजेश्वरी निवासी देवड़ा चेरऊ बोंगोल प्रकाशम, आंध्रप्रदेश

मनी एक्सचेंजर गिरोह के एजेंट सक्रिय 

देश भर में मनी एक्सचेंजर गिरोह के दर्जनों एजेंट सक्रिय हैं। जो वहां के कारोबारियों व उद्यमियों के पुराने प्रतिबंधित नोट बदलवाने का ठेका ले रहे हैं।  बनारस के चौबेपुर निवासी संतोष पाठक के पास से पुलिस ने एक लाख रुपये की पुरानी करेंसी बरामद की। संतोष ने बताया कि कुछ किराना व्यापारियों से रकम जुटाकर बदलवाने के लिए लाया था। मीरजापुर के संजय कुमार के पास से भी एक हजार के नोट की एक गड्डी मिली। संजय ने कहा कि वहां के एक प्रॉपर्टी डीलर ने यह रकम दी थी। रकम बदलवाने के एवज में उसे पांच हजार रुपये मिलने थे। बागपत के संतकुमार के पास से एक लाख, लखनऊ के चिनहट निवासी ओंकार के पास से एक लाख, हजरतगंज निवासी अनिल यादव के पास दो लाख, विंध्यांचल के रामाश्रय के पास डेढ़ लाख रुपये, हैदराबाद के कुटेश्वर से दो लाख, आंध्रप्रदेश की महिला राजेश्वरी से एक लाख रुपये के पुराने नोट मिले। आरोपियों ने बताया कि वह पहले भी मनी एक्सचेंज कराकर ले जा चुके हैं। कानपुर के अलावा वे दिल्ली और हैदराबाद भी जाते थे। 

आज भी करोड़ों के पुराने नोट मौजूद

गिरफ्तार युवकों ने बताया कि शहरों में आज भी तमाम कारोबारियों के पास करोड़ों के पुराने नोट मौजूद हैं। पिछले कई महीनों से यह कारोबारी कम रेट पर ही सही लेकिन इन पुराने नोटों को बदलने की कोशिश में जुटे हैं। एजेंट भी इसी का फायदा उठा रहे हैं। कारोबारियों से पुराने नोट लाकर वे कानपुर, दिल्ली के बड़े कलेक्शन एजेंटों को देकर उनसे नए नोटों में भुगतान प्राप्त कर रहे हैं। 

छह माह से इनपुट जुटा रही पुलिस

पुलिस छह महीने से मनी एक्सचेंज गिरोह के बाबत खुफिया तरीके से इनपुट जुटा रही थी। निकाय चुनाव से पहले शहर के कुछ व्यापारियों ने एक अफसर से इस कारोबार के बाबत शिकायत भी की थी। तब भी पुलिस ने छापेमारी की थी लेकिन कामयाबी नहीं मिली। आइजी आलोक सिंह ने बताया कि इस बार सूचना सटीक मिली और जाल बिछाकर पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश किया गया।

आतंकी कनेक्शन की भी पड़ताल 

पुरानी करेंसी बरामद होने के मामले में जांच के लिए आइबी, एटीएस के साथ ही एनआइए भी शहर पहुंची। कोतवाली थाने में काफी देर तक पूछताछ की गई। पकड़े गए लोगों में से किसी का आतंकी कनेक्शन तो नहीं, इस बाबत भी टीमों ने कड़ी पूछताछ की। हालांकि पुलिस अफसरों ने आतंकी कनेक्शन की बात से इन्कार किया।

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