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कानपुर में सीरीज जीत का ‘सत्ता’ पूरा करने के इरादे से उतरेगी टीम इंडिया

भारतीय क्रिकेट टीम रविवार को जब न्यूजीलैंड के खिलाफ तीसरे एवं अंतिम वनडे में उतरेगी तो उसकी निगाहें लगातार सातवीं सीरीज जीतने पर होंगी। मुंबई में पहला मुकाबला हारने के बाद भारतीय टीम ने पुणे में खेले गए दूसरे मुकाबले में छह विकेट से जीतकर सीरीज में 1-1 से बराबरी कर ली। अब यहां ग्रीनपार्क में होने वाला मुकाबला निर्णायक हो गया है। भारतीय टीम इस अहम मुकाबले में वही लय कायम रखना चाहेगी जो उसने पिछले मैच में दिखाई थी।

बन सकता है लगातार सात सीरीज जीत का नया रिकॉर्ड  

भारतीय टीम लगातार छह द्विपक्षीय सीरीज जीत चुकी है। इससे पहले 2007-09 तक भी टीम इंडिया ने लगातार छह सीरीज जीती थी लेकिन कानपुर में मुकाबला जीतकर भारतीय टीम लगातार सातवीं सीरीज जीतकर नया इतिहास रच सकती है। 

कप्तान विराट कोहली ने पुणे में जीत के बाद कहा था कि हम चुनौतियों के लिए तैयार रहते हैं। खिलाड़ियों के साथ पलटवार करने पर विचार-विमर्श किया और हमने ऐसा कर दिखाया। हमें कानपुर में भी ऐसा ही खेल दिखाने की जरूरत होगी। कानपुर में पहली बार पचास ओवरों का कोई मैच कृत्रिम रोशनी में खेला जाएगा। दोनों ही टीमें यहां बृहस्पतिवार को पहुंच गईं थी जिससे उन्हें यहां के हालात से अभ्यस्त होने का पर्याप्त समय मिल गया है। पुणे में भारतीय गेंदबाजों ने शानदार प्रदर्शन किया।

कुलदीप के चयन पर सबकी निगाहें 

भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह ने न केवल शुरुआती ओवरों में बल्कि डेथ ओवरों में भी कसी गेंदबाजी की। मुंबई में भारतीय स्पिनर युजवेंद्र चहल नहीं चले थे, उन्होंने दो विकेट लिए जबकि चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव की जगह टीम में आए अक्षर पटेल ने फॉर्म में चल रहे बल्लेबाज टॉम लाथम का विकेट लिया। पार्टटाइम स्पिनर केदार जाधव ने आठ ओवरों में केवल 31 रन दिए। 
धवन-कार्तिक की फॉर्म होगी अहम 
बल्लेबाजी में नंबर चार पर दिनेश कार्तिक का पुणे में 64 रन बनाने टीम के लिए अच्छा संकेत है। भारतीय टीम लंबे समय से इस क्रम में नए-नए बल्लेबाजों को आजमाती रही है। कार्तिक ने अपने दावे को मजबूत किया है। पहले मुकाबले में वह नंबर पांच पर उतरे थे लेकिन उनका खुद कहना है कि नंबर चार उनका पसंदीदा क्रम है। बाएं हाथ के बल्लेबाज शिखर धवन ने छह पारियों के बाद पचास से अधिक रन की पारी खेली है। कानपुर में एक बार फिर उन पर अच्छी शुरुआत दिलाने की जिम्मेदारी होगी। हालांकि उनके सलामी जोड़ीदार रोहित शर्मा पहले दो मैचों में क्रमश: सात और 20 रन की पारी ही खेल पाए हैं। कप्तान कोहली ने भी मुंबई में शतकीय पारी खेली थी लेकिन उन्हें बाकी बल्लेबाजों से सहयोग नहीं मिला था।

सीरीज में अब तक नहीं बना है 300 का स्कोर 

अभी तक इस सीरीज में एक बार भी तीन सौ का स्कोर नहीं बना है लेकिन तीसरे मुकाबले में ऐसा हो सकता है। दो साल पहले यहां खेले गए पिछले वनडे मैच में दक्षिण अफ्रीका ने 303 रन बनाए थे। तब भारतीय टीम पांच रन पीछे रह गई थी। इस साल जनवरी में भारतीय टीम यहां इंग्लैंड के खिलाफ टी-20 मुकाबला हार गई थी। मेजबान भारतीय टीम की तरह न्यूजीलैंड की टीम भी जीत की राह पर लौटना चाहेगी क्योंकि उनके पास भारत में सीरीज जीतने का अनूठा अवसर है। मुंबई में टॉम लाथम और रॉस टेलर ने 200 रन की साझेदारी की थी जब टीम ने 80 रन पर अपने शीर्ष तीन बल्लेबाज गंवा दिए थे। पुणे में लाथम और रॉस टेलर भी नहीं चले और टीम 230 का स्कोर ही बना पाई थी। कप्तान केन विलियम्सन चल नहीं पा रहे हैं लेकिन निर्णायक मुकाबले में विलियम्सन भी बल्ले से बड़ा योगदान देने को बेताब होंगे। 
 
 

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