कार बिक्री बाजार की रफ्तार पांच साल के उच्चतम स्तर पर
एजेन्सी/ नई दिल्ली : भारत में कार बिक्री 2015-16 में 7.87 प्रतिशत बढ़ी जो पिछले पांच साल में दर्ज सबसे तेज बढ़ोतरी है। चुनौतीपूर्ण माहौल में ऐसा आम तौर पर नए मॉडलों की पेशकश और खरीद पर आकर्षक रियायतों के साथ संभव हुआ है।
उन्होंने कहा कि कई कंपनियों ने भारी-भरकम छूट दी और विनिर्माताओं ने खरीद को प्रोत्साहित करने के लिए बहुत कोशिश की। सेन ने कहा कि 2015-16 में यह वृद्धि वाहन उद्योग में चुनौतीपूर्ण माहौल के बीच प्राप्त हुई। उद्योग उच्च ब्याज दर के कारण उपभोक्ता रुझान में नरमी, अस्थाई नीतियों के कारण डीजल कारों पर अस्पष्टता और जटिल मामलों में अदालती हस्तक्षेप और कुछ प्रौद्योगिकियों के साथ भ्रांतियां जैसी मुश्किलों से जूझ रहा है।
उन्होंने कहा, ‘विनिर्माण क्षेत्र में यह सबसे अधिक कराधान वाला क्षेत्र है। आज वाहन क्षेत्र की मात्र 60 प्रतिशत क्षमता का ही उपयोग हो रहा है।’ विभिन्न खंडों में 2015-16 के दौरान बिक्री 3.78 प्रतिशत बढ़कर 2,04,69,385 इकाई रही जो पिछले वित्त वर्ष में 1,97,24,371 इकाई थी। सेन ने कहा, ‘वाहन उद्योग अभी भी सुधार के मार्ग पर अग्रसर है।’ वित्त वर्ष के दौरान कुल दोपहिया वाहनों की बिक्री 2015-16 में 3.01 प्रतिशत बढ़कर 1,64,55,911 इकाई हो गर्इ जो पिछले वित्त वर्ष में 1,59,75,561 इकाई थी।
समीक्षाधीन अवधि में मोटरसायकिल बिक्री 0.24 प्रतिशत गिरकर 1,07,00,466 इकाई हो गई जो पिछले वित्त वर्ष में 1,07,26,013 इकाई थी। वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री 2015-16 में 11.51 प्रतिशत बढ़कर 6,85,704 इकाई रही जो 2014-15 में 6,14,948 इकाई थी। मार्च के महीने में घरेलू बाजार में कारों की बिक्री 0.3 प्रतिशत घटकर 1,75,730 इकाई थी जो पिछले साल इसी महीने 1,76,260 इकाई थी।
इस महीने कार निर्माण क्षेत्र की प्रमुख कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया की बिक्री 7.43 प्रतिशत बढ़कर 92,105 इकाई रही जो पिछले साल इसी महीने 85,733 इकाई थी। प्रतिद्वंद्वी कंपनी हुंदै मोटर इंडिया की बिक्री मार्च महीने में 32,986 इकाई रही जो पिछले साल के इसी महीने में 39,325 इकाई थी। होंडा कार्स इंडिया की बिक्री 14.43 प्रतिशत घटकर 16,726 इकाई रही जो पिछले साल मार्च में 19,547 इकाई थी।