बेंगलुरु। कावेरी जल विवाद मामले में दिए गए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ मंगलवार को कावेरी होराता समिति ने मांड्या में बंद का आह्वान किया है। बंद को देखते हुए राज्य सरकार ने करीब 2400 पुलिसकर्मियों की तैनाती की है। इस वजह से तमिलनाडु के होसुर बॉर्डर पर काफी संख्या में बस और दूसरे वाहन रुके हुए हैं। कृष्णराजा सागर डैम और वृंदावन गार्डेन को चार दिन तक आम लोगों के लिए बंद कर दिया गया है। कर्नाटक के कानून मंत्री टीबी जयचंद्र ने लोगों से शांत रहने की अपील की है। मैसूर-बेंगलुरू हाईवे भी विरोध प्रदर्शन के चलते काफी समय से बंद है। कर्नाटक के कई जिलों में जाने वाली तमिलनाडु ट्रांसपोर्ट की बसें चेन्नई के कोयमबेडू स्टेंड पर ही खड़ी हैं।
इससे पहले हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दोनों ही राज्यों को जियो और जीने दो की नीति का पालन करनेे को कहा था। जस्टिस दीपक मिश्रा और यूयू ललित की पीठ ने बीते शुक्रवार को यह सलाह उस वक्त दी थी जब तमिलनाडु के वकील ने अदालत का ध्यान कर्नाटक के मुख्यमंत्री के इस बयान की ओर खींचा कि एक बूंद पानी भी नहीं छोड़ा जाएगा।
तमिलनाडु सरकार ने एक याचिका दाखिल कर राज्य के 40 हजार एकड़ क्षेत्र में खड़ी फसल बचाने के लिए कोर्ट से कर्नाटक को कावेरी का 50.52 टीएमसी फीट पानी छोड़ने के लिए निर्देश देने की मांग की है। इसके जवाब में कर्नाटक का कहना है कि वह पहले ही पानी की कमी से जूझ रहा है। सुनवाई के दौरान कर्नाटक सरकार के वकील एफएस नरीमन ने कहा, पिछले कुछ महीनों में बारिश कम होने के कारण तमिलनाडु के लिए पानी छोड़ना मुश्किल है।