काशी की प्राचीनता, ऐतिहासिकता एवं पौराणिकता को बनाये रखते हुए किया जा रहा विकास : मुख्यमंत्री
श्री काशी विश्वनाथ को केन्द्र मानते हुए महामृत्युंजय महादेव, कालभैरव सहित नवदुर्गा एवं नवगौरी के मंदिरों का सर्किट के रूप में ’पावन पथ’ बनाये जाने के निर्देश दिये
लखनऊ : प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि काशी दुनिया का प्राचीनतम शहर है। इसकी प्राचीनता, ऐतिहासिकता एवं पौराणिकता को बनाये रखते हुए आधुनिकता के साथ काशी का विकास किया जा रहा है। गत सात माह में काफी कार्य कराया जा चुका है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने केन्द्र द्वारा संचालित विकास योजनाओं का क्रियान्वयन सही ढंग से नहीं किया। वर्तमान राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार द्वारा संचालित विकास योजनाओं का क्रियान्वयन युद्धस्तर पर कराया है, जिसका परिणाम अब लोगों को दिखने लगा है। वर्तमान राज्य सरकार विकास योजनाओं का क्रियान्वयन जाति, धर्म एवं मजहब के आधार पर नहीं करती है, बल्कि इनको सबका साथ और सबका विकास के पैमाने के आधार पर लागू किया जा रहा है। मुख्यमंत्री आज वाराणसी में चैकाघाट स्थित सांस्कृतिक संकुल में नगर विकास योजनाओं के लोकार्पण एवं शिलान्यास, फसल ऋण मोचन योजना प्रमाण-पत्र वितरण, विकास खण्ड काशी विद्यापीठ को खुले में शौचमुक्त घोषित किये जाने, नगरीय क्षेत्र के 111 विद्यालयों की अवस्थापना सुविधाओं का शुभारम्भ किये जाने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे।
राज्य सरकार द्वारा लागू की गयी फसल ऋण मोचन योजना पर प्रकाश डालते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इसके तहत लघु एवं सीमांत किसानों का कर्ज माफ किया जा रहा है, जिससे उन्हें काफी राहत मिली है। किसानों के जीवन में खुशहाली लाने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि काशी गलियों का शहर है और हर गली का अपना इतिहास है। इसकी पौराणिकता को ध्यान में रखते हुए गलियों की मरम्मत एवं सुधार कराया जायेगा। प्रधानमंत्री जी का संसदीय क्षेत्र होने के अलावा, काशी सनातन हिन्दू धर्म की आस्था का केन्द्र भी है। काशी को उसके विश्वस्तरीय स्वरूप में पुनः वापस लाने के लिए उन्होंने श्री काशी विश्वनाथ को केन्द्र मानते हुए महामृत्युंजय महादेव, कालभैरव सहित नवदुर्गा एवं नवगौरी के मंदिरों का सर्किट के रूप में ’पावन पथ’ बनाये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने पावन पथ के मार्गों को अतिक्रमणमुक्त कराकर उनका सुन्दरीकरण, प्रकाश व्यवस्था सहित सफाई की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित कराये जाने पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि काशी को अतिक्रमणमुक्त किया जायेगा, ताकि श्रद्धालुओं को बेहतर से बेहतर सुविधाएं मुहैया करायी जा सकें। इस अवसर पर योगी ने नगर के विकास हेतु विभिन्न क्षेत्रों में 413.96 लाख रुपये की लागत से 28.51 कि0मी0 लम्बी 99 गलियों के सुधार कार्य का शिलान्यास किया। उन्होंने स्थानीय नागरिकों को स्वच्छ एवं सुन्दर वातावरण उपलब्ध कराने हेतु नगर निगम से सम्बन्धित 07 पार्कों का 25.03 लाख रुपये की लागत से सुधार कार्य कराये जाने की योजना का भी शिलान्यास किया।
मुख्यमंत्री ने शिक्षा में गुणात्मक सुधार हेतु नालको द्वारा जनपद वाराणसी के नगरीय क्षेत्र में स्थित 111 प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक परिषदीय विद्यालयों में डेस्क बेंच, व्हाइट बोर्ड, खेलकूद सामग्री, पुस्तकालय, कम्प्यूटर, वाटर प्यूरिफायर, रनिंग वाटर, प्रोजेक्टर व वृहद मरम्मत कार्य हेतु 4 करोड़ 20 लाख 76 हजार 862 रुपये की लागत से अवस्थापना सुविधाएं सुदृढ़ कराये जाने के कार्याें का भी शिलान्यास किया। इससे परिषदीय विद्यालयों में शिक्षा प्राप्त करने वाले बच्चों को आधुनिक तकनीक से गुणवत्तापरक शिक्षा प्राप्त हो सकेगी। इसके लिये नालको द्वारा प्रथम चरण में 1 करोड़ 26 लाख 22 हजार 650 रुपये की प्रथम किस्त जारी कर दी गयी है। योगी ने प्रदेश सरकार द्वारा लघु एवं सीमान्त किसानों को राहत देने एवं उनके उन्नयन के लिये फसल ऋण मोचन योजनान्तर्गत सेवापुरी की उर्मिला देवी, रेनू देवी, कृपाशंकर, उमराव सिंह, माता प्रसाद, बड़ागांव के बासदेव, नारायण दत्त मिश्रा, हरहुआ के वीर बहादुर सिंह, हौसिला प्रसाद सिंह तथा चोलापुर के सुभाष चन्द्र सिह को प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया। उन्होंने कहा कि गरीब किसानों के हित में राज्य सरकार द्वारा फसल ऋण मोचन योजना लागू करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को खुशहाल बनाने के दृष्टिगत एक समेकित कार्य योजना तैयार की गयी है, जिसका मकसद कृषि क्षेत्र के समग्र विकास के माध्यम से किसानों की आय में वृद्धि करना है। वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने के प्रधानमंत्री जी के विजन को प्राप्त करने में यह योजना एक सार्थक कदम साबित होगी। फसल ऋण मोचन योजना के तहत वाराणसी में कुल 22,415 कृषक लाभान्वित होंगे। प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय चरण में 10,445 कृषक पात्र पाये गये हैं, जिनके खातों में लगभग 60 करोड़ 53 लाख 53 हजार 416 रु0 की धनराशि का भुगतान प्रदेश सरकार द्वारा किया जा चुका है। जनपद एवं तहसील स्तरीय कैम्प लगाकर जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में अब तक 7,955 कृषकों को प्रमाण-पत्र वितरित किये गये हैं। पचास हजार रुपये से एक लाख रुपये तक के ऋण वाले 5,653 कृषकों (54.12 प्रतिशत), दस हजार रुपये से पचास हजार रुपये तक के ऋण वाले 3,863 कृृषकों (36.98 प्रतिशत) एवं दस हजार रुपये से नीचे ऋण वाले 929 कृृषकों (8.89 प्रतिशत) को ऋण मोचन स्वीकृति पत्र उपलब्ध कराए जा चुके हैं। इस अवसर पर सूचना राज्य मंत्री नीलकंठ तिवारी सहित जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने एक पुस्तिका का विमोचन भी किया।