कितना जरूरी है हेल्थ इंश्योरेंस कराना, कैसे देता है आपको फायदा
नई दिल्ली: कहते हैं वक्त का कोई भरोसा नहीं होता, कब, कैसे पलटी मार जाए आप कह नहीं सकते। ऐसे में अपने और अपने परिवार को मुसीबत की घड़ी से बचाने के लिए जरूरी है कि आप अपना हेल्थ एंश्योरेंस कराएं। एक हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी एक बीमा कंपनी और एक व्यक्ति या एक समूह के बीच का अनुबंध होता है, जिसमें कंपनी के निर्देशों के अनुसार हमें उसे एक प्रीमियम का भुगतान करना होता है।
आज के समय में महंगे होते इलाज के कारण हेल्थ इंश्योरेंस एक जरूरत बन गया है। आजकल छोटे से छोटे इलाज के लिए लाखों रुपए मिनट में खर्च हो जाते हैं। एक व्यक्ति आज स्वस्थ है और कल बीमार नहीं होगा इसकी गारंटी नहीं ली जा सकती। भविष्य में क्या होगा इस बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता। ऐसे में हेल्थ इंश्योरेंस हमें आवश्यक वित्तीय राहत प्रदान करता है।
पांच साल से लेकर 75 साल (आयु सीमा पॉलिसी के आधार पर थोड़ा भिन्न हो सकती है)तक का व्यक्ति अपना हेल्थ एंश्योरेंस करा सकता है। हेल्थ एंश्योरेंस स्किम या तो निजी हो सकती है या फिर ग्रुप स्किम हो सकती है जो आपकी कपंनी द्वारा आपको उपलब्ध कराई जाती है।
पॉलिसी लेने के कुछ समय तक इंश्योरेंस में कई चीजें शामिल नहीं की जाती। लेकिन हार्ट अटैक के दौरान आया खर्च, स्ट्रोक, चोट, मातृत्व आपात स्थिति, दुर्घटना के कारण शरीर के अन्य हिस्सों को हुआ नुकसान, दवाई आदि का खर्च पॉलिसी कवर करती है।
आपकी पॉलिसी के पहले साल में कुछ बीमारियों का इलाज शामिल नहीं होता। यह लिस्ट हर कंपनी की अलग-अलग हो सकती है।
सबसे पहले आपको पॉलिसी को समझना होगा और आम स्वास्थ्य बीमा प्रावधानों को जानना होगा। ये जानना बेहद जरूरी है कि आपकी पॉलिसी क्या-क्या चीजें कवर कर रही है और आप अपने लिए क्या भुगतान कर रहे हैं।
हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी आमतौर पर बोर्डिंग, नर्सिंग और डाइगनोटिक खर्च कवर करती है, इसमें हॉस्पिटल या नर्सिग होम का रूम रेंट, सर्जन, एनेस्थेटिस्ट, डॉक्टर आदि की फीस भी शामिल होती है। कुछ पॉलिसी हर दिन के लिए एक निश्चित नकद राशि का भुगतान करती हैं, जिसमें आप अपनी पसंद के किसी भी हॉस्पिटल में इलाज करा सकते हैं।
यदि आप लगातार लम्बे समय से बीमार चले आ रहे हैं तो हो सकता है इंश्यारेंस पॉलिसी में उस बीमारी को कवर न किया जाए। दुर्घटना से लगी चोट को छोड़कर पॉलिसी लेने के शुरूआती 30 दिनों में अस्पताल में भर्ती होने पर आने वाले खर्च को भी कई बार कवर नहीं किया जाता। ये भी हो सकता है कुछ पॉलिसी एक सीमित लॉक-इन पीरियड के बाद इन्हें कवर करें।
विशिष्ट रोगों के लिए फिलहाल उपलब्ध व्यक्तिगत, फैमिली, ग्रुप इंश्योरेंस स्किम, सिनियर सिटीजन इंश्योरेंस स्किम, लॉन्ग टर्म हेल्थ केयर और इंश्योरेंस कवर योजनाएं मौजूद हैं।