नई दिल्ली : सर्दियों और बसंत में डिमेंशिया के लक्षण बहुत अधिक स्पष्ट दिखाई देते हैं। यह कहना है वैज्ञानिकों का, जिन्होंने अपने अध्ययन में पाया कि अल्जाइमर से ग्रस्त और सामान्य दोनों तरह के लोगों में गर्मी की शुरुआत और खत्म होने के समय संज्ञात्मक कौशल अधिक होता है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, कुछ पुराने अध्ययन भी हैं, जो बुजुर्गों में मौसम और संज्ञात्मक कौशल के बीच संबंध को बताते हैं।प्लस मेडिसिन नामक जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, शोधकर्ताओं ने 3,353 लोगों की जांच की। इसमें कुछ प्रतिभागियों में प्रोटीन के स्तर और जींस का संबंध अल्जाइमर से मिला। कनाडा स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो के शोधकर्ताओं ने पाया कि औसतन संज्ञात्मक कामकाज गर्मियों में अधिक होता है, जबकि सर्दियों और बसंत में इसमें गिरावट देखी जाती है।डिमेंशिया के खतरे से बचाते हैं ये आहार अपने भोजन में गेंहूं का खासतौर पर समावेश करें। यह न सिर्फ कोशिकाओं के निर्माण में सहायक है, बल्कि सेहत के लिए भी काफी अच्छा होता है। इसके आलावा बादाम, काजू और अखरोट एंटीऑक्सीडेंट और जरूरी फैटी एसिड से भरपूर होते है। मछली प्रोटीन और कैल्सियम से भरपूर होती है, जिससे मस्तिष्क का विकास होता है। खासकर सैमन और ट्यूना मछली खाना ज्यादा फायदेमंद रहता है। बिना चर्बी वाला बीफ आइरन, विटामिन बी12 और जिंक का अच्छा स्रोत होता है। यह याददास्त बढ़ाने के साथ-साथ मस्तिष्क का भी विकास करता है।ब्लूबेरी में बड़ी मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जो फ्री रेडिकल्स से कोशिकाओं को होने वाले नुकसान से बचाते हैं। साथ ही यह फल शरीर की कोशिकाओं और उम्र के बीच संतुलन भी बनाता है। ये फल हृदय रोग और मानसिक रोग के खतरे को कम करने में अहम भूमिका निभाता है। टमाटर लाइकोपेन से भरपूर होता है। ये न सिर्फ शरीर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने से बचाता है, अल्जाइमर के खतरे को भी कम करता है। ब्रोकली में विटामिन के सहित ढेरों पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो मस्तिष्क की शक्ति बढ़ाने में मददगार होते हैं। अंडे में विटामिन बी12 और कोलाइन प्रचूर मात्रा में पाए जाते हैं। यह मस्तिष्क की कोशिकाओं का निर्माण करता है, जिससे याददास्त बढ़ती है।