कुंडली में मंगल कर सकता है आपके जीवन को मंगल
कुंडली में हर ग्रह शुभ और अशुभ फल देते हैं, ऐसे ही मंगल भी दोनों तरह के फल देता है। मंगल रक्त में निवास करता है, जो व्यक्ति खेलकूद जैसे कि कुश्ती, क्रिकेट, बाक्सिंग आदि के खिलाड़ी होते हैं, वे मंगल के अधीन आते हैं। सेना में अधिकारी, पुलिस, भी मंगल के अधीन होते हैं। मंगल व शनि को एक दूसरे का शत्रु माना जाता है, परन्तु एक साथ जन्म कुंडली में इन दोनों के किसी भी स्थान में बैठे होने से बहुत से योग बनते तथा बिगड़ते भी हैं।
यदि कुंडली में मंगल स्वराशि मेष और वृश्चिक या उच्च राशि मकर में हो, तो ऐसा व्यक्ति बहुत साहसी और किसी से दबने वाला नहीं होता है, और सदैव मेहनत करने में विश्वास रखता है। मंगल के नीच राशि कर्क में होने या अन्य प्रकार से कमजोर होने पर व्यक्ति कुछ डरपोक स्वभाव का होता है। वह लड़ाई-झगड़ों से हमेशा दूर रहता है।
मंगल के खराब होने से व्यक्ति को शरीर के किसी भाग का कटना, घाव, दु:खती आंखें, पित्त, रक्तचाप, जख्म, खुजली, हड्डियों का टूटना जैसे रोग प्रभावित कर सकते हैं। मंगल व्यक्ति को योद्धाओं का गुण भी देता है, निरंकुश, तानाशाही प्रकृति का है। मंगल के शुभ फल प्राप्त करने के लिए मूंगा रत्न को धारण किया जा सकता है। मंगल के लिए लाल रंग धारण किया जाता है, जिससे मंगल हमेशा शुभ होता है।