कुछ ऐसा होगा भारत-पाकिस्तान के बीच बनने वाला करतारपुर कॉरिडोर
केंद्र सरकार ने पंजाब के डेरा बाबा नानक से लेकर पाकिस्तान से सटी अंतरराष्ट्रीय सीमा तक करतारपुर कॉरिडोर को मंजूरी दे दी है. इससे पाकिस्तान में रावी नदी के तट पर स्थित गुरुद्वारा करतारपुर साहिब जाने वाले सिख श्रद्धालुओं को सुविधा मिलेगी. यह वही जगह है जहां गुरु नानक देव ने 18 बरस गुजारे थे.
मालूम हो कि यह कॉरिडोर पंजाब के गुरदासपुर जिले में डेरा बाबा नानक से अंतरराष्ट्रीय सीमा तक होगा. पाकिस्तान से भी उनकी सीमा के अंदर कॉरिडोर बनाकर सुविधाओं का विकास करने की मांग की जाएगी. भारत में बनने वाला कॉरिडोर करीब 2 किलोमीटर का होगा. वहीं, पाकिस्तान में भी कॉरिडोर 3 किलोमीटर का होगा. 26 नवंबर को कॉरिडोर के भारतीय हिस्से में आधारशिला रखी जाएगी.
इस कॉरिडोर को बनाने की लागत पर बाते करें तो भारत की ओर से करीब 16 करोड़ रुपये और पाकिस्तान की ओर से 104 करोड़ रुपये खर्च आएगा. इस कॉरिडोर की सबसे ख़ास बात यह है कि यहां हेरिटेज सिटी और यूनिवर्सिटी भी होगी. सुल्तानपुर लोधी को हेरिटेज सिटी बनाया जाएगा. जिसका नाम ‘पिंड बाबे नानक दा’ रखा जाएगा.
हेरिटेज सिटी में गुरु नानक देव जी के जीवन और उनकी शिक्षा के बारे में बताया जाएगा. गुरुनानक देव यूनिवर्सिटी में ‘सेंटर फॉर इंटरफेथ स्टडीज़’ का निर्माण किया जाएगा. कॉरिडोर के अलावा ब्रिटेन और कनाडा की दो यूनिवर्सिटी में इस सेंटर के नाम के साथ नई पीठ स्थापित की जाएगी. साथ ही गुरुनानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व पर ख़ास डाक टिकट और सिक्के जारी किए जाएंगे.