कुर्दों की मदद के लिए आगे आया सीरिया, तुर्की के खिलाफ लड़ेगा जंग
लंबे अरसे से सीरिया में अमेरिकी सहयोगी रही कुर्दिश फौज ने एक नए समझौते के तहत दमास्कस में अपनी शत्रु सीरिया सरकार से हाथ मिला लिया है। सीरिया सरकार को रूस का समर्थन है जबकि अमेरिकी सेना के कुर्द इलाकों को छोड़ने के बाद तुर्की के हमलों से बचाव के लिए कुर्द लड़ाकों को यह फैसला करना पड़ा। अब सीरियाई सेना कुर्दों की मदद को तुर्की के खिलाफ जंग में कूद पड़ी है। उधर, अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने तुर्की से अपने सैनिकों की वापसी के साथ ही स्पष्ट कर दिया है कि अब अमेरिका सीरिया में कुर्द लड़ाकों का बचाव नहीं करेगा। इसके लिए लड़ाके सीरिया या रूस से मदद मांग सकते हैं। इस बीच कुर्द बलों और सीरिया सरकार के बीच हुए समझौते के बाद सीरियाई सैनिक तुर्क सेना का सामना करने के लिए उत्तर की तरफ मोर्चा संभाल चुके हैं।
क्षेत्र के चार अस्पतालों पर हमले कर चुका है रूस
रूस के युद्धक विमानों ने इस साल पांच मई को सीरियाई विद्रोहियों के कब्जे वाले कुर्द क्षेत्र में 12 घंटे के भीतर चार अस्पतालों पर बम बरसाए थे। ‘नबाद अल-हयात सर्जिकल अस्पताल’ पर बमबारी की आशंका में कर्मचारियों ने उसे हमले से तीन दिन पहले ही खाली कर दिया था। इससे कुछ किलोमीटर दूर ‘कफर नबल सर्जिकल अस्पाल’ पर भी थोड़ी देर बाद कई बम गिराए गए।
इसके अलावा रूस के युद्धक विमानों ने उन 12 घंटे के भीतर ‘कफर जिता केव अस्पताल’ और ‘अल-अमल ऑर्थोपेडिक अस्पताल’ को भी निशाना बनाया। इन चारों अस्पतालों ने हवाई हमले से बचने के लिए संयुक्त राष्ट्र से संपर्क किया था।
दोबारा पैर जमा सकता है आईएस
कुर्द प्रशासन का दावा है कि तुर्की हमले में आईएस के 800 रिश्तेदार भागने में सफल रहे हैं। लेकिन ये लोग भागकर कहां गए हैं अभी यह स्पष्ट नहीं है। जानकारी के मुताबिक शिविर की सात जेलों में आईएस से जुड़े करीब 12,000 संदिग्ध कैदी थे जिनमें से 4,000 विदेशी महिलाएं और बच्चे हैं। इसका संबंध आईएस लड़ाकों से रहा है। तुर्की हमलों से आईएस को एक बार फिर यहां पैर जमाने का मौका मिल सकता है।
मानवीय सहायता के लिए ट्रंप ने दिए पांच करोड़ डॉलर
कुर्द प्रशासन और विश्व बिरादरी ने चेताया है कि इस हमले की वजह से एक बड़ा मानवीय संकट पैदा हो सकता है। 1,30,000 से ज्यादा लोग पहले ही अपने घर छोड़ चुके हैं। ऐसे में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने सीरिया में अत्याचार का सामना कर रहे लोगों की मदद के लिए पांच करोड़ डॉलर की राशि जारी की है। व्हाइट हाउस के मुताबिक इस राशि का प्रयोग मानवीय सहायता के लिए किया जाना है।
सीरिया ने तुर्की पर भारत के बयान का स्वागत किया
सीरिया के राजदूत रियाद कामेल अब्बास ने सीरिया में ‘एकतरफा सैन्य हमले’ के लिए तुर्की को जिम्मेदार ठहराने के भारत के बयान का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय में नई दिल्ली एक ‘मजबूत आवाज’ है और आगे सहयोग के लिए दमिश्क इसके साथ जुड़ने के लिए तत्पर है। उन्होंने यह बात सीरिया में तुर्की के सैन्य हमले के लिए पाकिस्तान को समर्थन देने के एक सवाल के जवाब में कही।