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कुलभूषण की फांसी रोकने में भारत हुआ कामयाब, इंटरनेशनल कोर्ट ने फांसी पर लगाई रोक
कथित जासूसी के आरोप में पाकिस्तान में कैद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव की फांसी की सजा पर इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) ने रोक लगा दी है। भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जासूसी के आरोप में अप्रैल में फांसी की सजा सुनाई थी।
इस संबंध में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को आईसीजे की ओर से पत्र भेज दिया गया है। आईसीजे ने भारत की अपील पर यह कदम उठाया है। भारत ने पाकिस्तान पर विएना समझौते का घोर उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए जाधव की मौत की सजा पर रोक लगाने की मांग की थी।
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पाकिस्तान का दावा था कि जाधव को पिछले साल 3 मार्च को बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया गया था। पाकिस्तान का यह भी आरोप था कि जाधव पाकिस्तान के खिलाफ रॉ के लिए जासूसी कर रहा था और वह भारतीय नौसेना का अधिकारी था।
पाकिस्तान ने भारत की ओर से जाधव को 16 बार राजनयिक संपर्क मुहैया कराए जाने की अपील को ठुकरा दिया था। उनकी मां ने भी पाकिस्तान हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी।
भारत ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा था कि जाधव नौसेना के रिटायर्ड अधिकारी हैं और उन्हें ईरान से अगवा किया गया था जहां वह अपना कारोबार कर रहे थे। जाधव को मौत की सजा के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच कूटनीतिक रिश्ते और तनावपूर्ण हो गए थे।
भारत ने जाधव पर बेतुका मुकदमा चलाने और जाधव को राजनयिक संपर्क मुहैया नहीं कराए जाने की कड़ी आलोचना की थी। हेग में मौजूद विश्व अदालत के नाम से जाना जाने वाला आईसीजे संयुक्त राष्ट्र का एक महत्वपूर्ण न्यायिक हिस्सा है।