केंद्रीय मंत्री राम शंकर कठेरिया के बयान पर संसद में हंगामा, विपक्ष ने की इस्तीफे की मांग
दस्तक टाइम्स एजेंसी/नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के बयानों पर उठा हंगामा अभी थमा भी नहीं है कि केंद्रीय मानव संसाधन राज्यमंत्री रामशंकर कठेरिया अपने बयान से विवादों में आ गए हैं। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया, जिसकी वजह से राज्यसभा और लोकसभा को दो बार स्थगित करना पड़ा। विपक्ष के सदस्य हमें न्याय चाहिए के नारे लगा रहे थे। विपक्ष कठेरिया को बर्खास्त करने की मांग कर रहा है। कांग्रेस ने रामशंकर कठेरिया के बयान को लेकर दोनों सदनों में काम रोको प्रस्ताव दिया।
कठेरिया का बयान
कठेरिया ने एक भाषण में हिन्दुओं को अपनी ताकत दिखाने के लिए ललकारा। आगरा में एक वीएचपी नेता की हत्या के बाद श्रद्धांजलि सभा में शरीक होने पहुंचे कठेरिया यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि प्रशासन ये न समझे की मंत्री बनने से मेरे हाथ बंध गए हैं, वे भी कभी लाठी-डंडा लेकर चलते थे, हालांकि कठेरिया ने सफाई दी है कि उन्होंने कुछ भी भड़काऊ नहीं कहा।
कठेरिया की सफाई
राम शंकर कठेरिया ने इस पर सफाई दी है कि मैंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया। मैंने केवल इतना कहा कि हिन्दू समाज को अपना संरक्षण करना चाहिए। संगठित होना चाहिए। यही बोला है। बदला लेने या किसी समुदाय का नाम नहीं लिया। भाषण की पूरी सीडी है। हां, हत्यारों को फांसी हो ये जरूर कहा है।
इस मामले पर कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ऐसी बातें कर करके ही समाज को फोड़ने का और बांटने का बीजेपी और आरएसएस का यह प्लान है। जब जब चुनाव आते हैं, तब तब वे चुनाव को ध्यान में रखकर ऐसा करते हैं।
वहीं बीएसपी प्रमुख मायावती ने मांग की है कि ऐसे नेता को बर्खास्त कर देना चाहिए। उधर, जेडीयू के नेता अली अनवर ने कहा कि मंत्री का बयान देश के लिए खतरनाक है। ऐसे लोग देश की छवि खराब कर रहे हैं।
कांग्रेस के नेता पीएल पुनिया ने कहा कि कठेरिया ने सांप्रदायिक जहर उगला है। यह बयान अक्षम्य है। उन्हें मंत्रिमंडल में रहने का हक नहीं।
एमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि एक मंत्री का इस तरह की बातें करना, जिससे दोनों संप्रदायों में और दूरियां बढ़े ठीक नहीं है। एक मंत्री का काम होता है पूरे मुल्क को साथ लेकर चले। ये सरकार सबका साथ और सबका विकास की बात करती है। अंदर कुछ और बात करते हैं, बाहर कुछ और बात करते हैं।
बयानों को लेकर विपक्ष के निशाने पर स्मृति
वहीं रोहित वेमुला की खुदकुशी के मामले में संसद में गलतबयानी कर स्मृति ईरानी विपक्ष के निशाने पर आ गई हैं। विपक्ष उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव ले आया। विपक्ष का आरोप है कि स्मृति ईरानी ने रोहित वेमुला मामले में संसद को गुमराह किया है। विपक्ष स्मृति ईरानी से माफी मांगने की मांग कर रहा है। सोमवार को जब वित्त मंत्री जब बजट भाषण पढ़ने के लिए खड़े हुए तो विपक्ष ने अपने विशेषाधिकार हनन नोटिस की स्थिति जानने के लिए हंगामा भी किया हालांकि स्पीकर ने अभी इस नोटिस पर कोई फ़ैसला नहीं लिया है।