नई दिल्ली : केंद्र सरकार की श्रम नीतियों के विरोध में केंद्रीय श्रमिक संघों की दो दिवसीय हड़ताल शुरू हो गई है। श्रमिक संगठनों ने आज से दो दिन की देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। इसके मद्देनजर देश के कई राज्यों में मजदूर संगठनों ने प्रदर्शन किया है और कामकाज प्रभावित हुआ है। श्रमिक संघों ने दावा किया है कि 20 करोड़ कर्मचारी इस हड़ताल में शामिल हैं। सीटू, एटक, इंटक जैसे 10 केंद्रीय श्रमिक संगठन इसे अपना समर्थन दे रहे हैं। इसके चलते देश के कई राज्यों में श्रमिक संगठन प्रदर्शन कर रहे हैं। इस दौरान कई जगहों से झड़प की भी खबरें सामने आई हैं। पश्चिम बंगाल के आसनसोल में राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और सीपीएम के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए। केरल के कोच्चि और त्रिवेंद्रम में भी केंद्रीय श्रमिक संगठनों के सदस्यों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। ओडिशा में भी हड़ताल का प्रभाव देखा जा रहा है। राज्य की राजधानी भुवनेश्वर में हड़ताल समर्थकों के प्रदर्शन के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 16 पर ट्रैफिक प्रभावित हुआ है। राजधानी दिल्ली में भी हड़ताल समर्थकों ने पटपडग़ंज इंडस्ट्रियल एरिया में प्रदर्शन किया। हड़ताल से कर्नाटक में भी सरकारी कामकाज प्रभावित हुआ है। उधर, ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस की महासचिव अमरजीत कौर ने दावा किया, असम, मेघालय, कर्नाटक, मणिपुर, बिहार, राजस्थान, पंजाब, गोवा, झारखंड, छत्तीसगढ़ और हरियाणा के औद्योगिक क्षेत्रों में हड़ताल का पूरा असर है। उन्होंने कहा कि इस हड़ताल को कुछ राज्यों के ट्रांसपोर्ट विभाग, ट्रैक्सी चालक और जेएनयू के छात्र भी अपना समर्थन दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश के करीब 20 करोड़ लोग केंद्र की बीजेपी सरकार की नीतियों के खिलाफ आयोजित इस हड़ताल को अपना समर्थन दे रहे हैं। बता दें कि केंद्रीय श्रमिक संगठन न्यूनतम वेतन और सामाजिक सुरक्षा योजनाएं लागू करने की मांग कर रहे हैं। ये संगठन सार्वजनिक और सरकारी क्षेत्र में निजीकरण का भी विरोध कर रहे हैं।