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केजी से साथ पढ़ने वाले तीन दोस्तों का एक जैसा रिजल्ट, रिक्शा चालक की बेटी के 99.71 पर्सेंटाइल
अहमदाबाद। कक्षा 12 वीं विज्ञान का परिणाम घोषित हो गया है। अहमदाबाद के तीन दोस्तों ने 99 पर्सेंटाइल प्राप्त किया है। ये तीनों केजी से साथ पढ़ते आए हैँ। अब इसमें से एक केमिकल इंजीनियरिंग में जाएगा, बाकी दोनों DACT में एडमिशन लेंगे। दूसरी ओर एक रिक्शा चालक की बेटी ने 99.71 पर्सेंटाइल प्राप्त किया है। केजी से एक ही बेंच पर साथ-साथ थे…
शहर के कांकरिया इलाके में स्थित दीवान बल्लूभाई स्कूल में पढ़ने वाले परिख देवर्क, शुभ देसाई और पूर्विन मेहता की दोस्ती उनके रिजल्ट में भी दिखाई दी। ये तीनों दोस्त केजी से साथ पढ़ते आए हैं। इनकी गाढ़ी दोस्ती के कारण तीनों के परिवारों में भी अच्छी-खासी दोस्ती हो गई। अब तीनों में से एक अलग हो रहा है। परिख देवर्क 99.61 पर्सेंटाइल, शुभ देसाई 99.89, और पूर्विन मेहता 99.81 के साथ उत्तीर्ण हुआ है। बचपन से अब तक साथ-साथ पढ़ने वाले अब अपना अलग रास्ता बनाएंगे। परिख देवर्क केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करना चाहता है, बाकी के दोनों DACT में एडमिशन लेंगे।
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रिक्शा चालक की बेटी के 99.71 पर्सेंटाइल
जमालपुर एफडी की छात्रा फरहाना बवानी ने 99.71 पर्सेंटाइल प्राप्त किया है। रोज 20 घंटे पढ़ने वाली फरहाना के माता-पिता ने काफी संघर्ष से उसे पढ़ाया है। फरहाना के पिता फारुक बवानी रिक्शा चलाते हैं। वे अपनी बेटी को और आगे पढ़ाना चाहते हैं, ताकि वह कुछ बन सके।
कर्ज लेकर भी बेटी को डॉक्टर बनाऊंगा
अहमदाबाद में इत्र बेचने वाले एक पिता की बेटी ने 97.07 पर्सेंटाइल प्राप्त किया है। शाइमा शेख को एमबीबीएस कर न्यूरोलॉजिस्ट बनना है। वह रोज 8 से 10 घंटे पढ़ती है। शाइमा के पिता मोहम्मद रफीक सुबह कपड़े के गोदाम में हेल्पर के रूप में काम करते हैं। दोपहर तीन बजे के बाद वे शाह आलम के पास इत्र का ठेला लगाते हैं। लगातार काम करते हुए रफीक भाई घर का गुजारा चलाने के साथ-साथ बेटी को पढ़ा भी रहे हैं। रफीक भाई का कहना है कि यदि बेटी को सरकारी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन नहीं मिलता, तो वे कर्ज लेकर बेटी को डॉक्टर बनाएंगे।
सेलून चलाने वाले के बेटे के 95 पर्सेंटाइल
शहर के कॉमर्स 4 रास्ते के पास हेयर कटिंग सेलून चलाने वाले दिनेशभाई सेन के बेटे हर्षल ने कक्षा 12 वीं विज्ञान की परीक्षा में 95 पर्सेंटाइल प्राप्त किया है। हर्षल ने बताया कि मैं अपने सपने के साथ-साथ मेरे पापा का भी सपना पूरा करना चाहता हूं। मुझे आर्किटेक्ट बनना है। उधर दिनेश भाई ने बताया कि 16 साल की उम्र में मैं राजस्थान से आकर माधुपुरा के फुटपाथ पर हेयर कटिंग सेलून चलाता था। इस बात को 25 साल हो गए। मैं अपने बेटे को अपने परंपरागत धंधे में नहीं लगाना चाहता। काफी मुश्किलों से उसे पढ़ाया है। बड़ा बेटा आर्किटेक्ट की पढ़ाई कर रहा है। इन दोनों बच्चों की पढ़ाई के कारण हमने घर पर टीवी तक नहीं लिया है।