कैबिनेट बैठक में नई टेक्सटाइल पालिसी में पूर्वांचल, बुंदेलखंड और मध्यांचल को तवज्जो
लखनऊ। हथकरघा व वस्त्रोद्योग सेक्टर में निवेश आकर्षित करने और रोजगार के नए अवसर पैदा करने के मकसद से कैबिनेट ने आज उप्र हैंडलूम, पावरलूम, सिल्क, टेक्सटाइल एंड गारमेटिंग पॉलिसी-2017 को मंजूरी दी है। कारोबार में सहूलियत देने के लिए उप्र औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति, 2017 में शामिल किये गए सभी प्रावधान नई वस्त्र नीति में भी लागू माने जाएंगे। नई वस्त्र नीति के तहत विभिन्न वस्त्र इकाइयों के लिए ब्याज उपादान, गुणवत्ता विकास उपादान, पूंजीगत उपादान व कार्यशील पूंजी उपादान का प्रावधान किया गया है। साथ ही, एक लाख लोगों के लिए रोजगार सृजन का लक्ष्य है।
वस्त्रोद्योग की खास जरूरतों को ध्यान में रखते हुए नई नीति में विभिन्न वित्तीय सुविधाएं और रियायतें देने का प्रावधान है। वस्त्रोद्योग इकाइयों की स्थापना के लिए सरकारी संस्थाओं की ओर से भूमि आवंटित करने पर स्टांप ड्यूटी में छूट देने की व्यवस्था की गई हैै। वस्त्र इकाई को जीएसटी व मंडी शुल्क के अलावा विद्युत दर में छूट देने के प्रावधान हैं।
मानक पूरे करने वाली इकाइयों के लिए कर्मचारी भविष्य निधि ईपीएफ प्रतिपूर्ति की व्यवस्था की गई हैै। मेगा व सुपर मेगा वस्त्रोद्योग इकाइयों को विशेष सुविधा दिये जाने के प्रावधान भी किये गए हैं। इस नीति में पूर्वांचल, बुंदेलखंड और मध्यांचल में स्थापित की जाने वाली इकाइयों के लिए विशेष प्रोत्साहन की व्यवस्था की गई है। हथकरघा बुनकरों को अपने उत्पादों की मार्केटिंग में सहायता दी जाएगी। निर्यात को बढ़ावा देने के लिए मालभाड़े की प्रतिपूर्ति भी की जाएगी। ‘प्लग एंड प्ले इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने के इंतजाम भी किये गए हैं।
नई वस्त्र नीति में हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग तथा रेशम की सभी उप शाखाओं जैसे-रेशम, चाकी, कोया उत्पादन, किसी भी सामग्री की रीलिंग, स्पिनिंग, वीविंग, निटिंग, डाइंग, प्रोसेसिंग, गारमेंट जूट तथा उनकी पैकेजिंग इकाइयों व तकनीकी कार्यों जैसे कि औद्योगिक टेेक्सटाइल, फर्नीचर लाइनिंग, अग्निशमन उपकरण, बुलेटप्रूफ जैकेट, पैराशूट, लेदर गारमेंट, जूट व तकनीकी वस्त्रों को बढ़ावा देने के प्रावधान किये गए हैं। रीलिंग यूनिटों को बढ़ावा देने के लिए खास इंतजाम किये गए हैं।