कोई भी जब तक नही होती स्त्री चरित्रहीन, जब तक की…
सामाजिक रीति रिवाजों और लोगों की सोच ने महिलाओ के चरित्र पर दाग लगा दिया हैं. कई व्यक्ति महिलाओ को दबाने के लिए उसके चरित्र पर उंगली उठाते हैं, और बुरी बातें करते हैं, हालाकी एक औरत कभी भी चरित्रहीन नहीं होती.
समाज में बहुत सी बातों को बुरा-भला बताया जाता है, लेकिन देखा जाए तो इन सब बातों मे पुरुषों की भूमिका सबसे अहम होतीं है. पुरुषों के बिना औरत चरित्रहीन नहीं हो सकती. गलती पुरुषों की ही होती है, कि वह अपने घर के वट वक्ष को त्याग कर किसी अन्य महिला से गलत कार्य करतें हैं, महिलाएं किसी के साथ भी बुरा काम नहीं करती है, लेकिन पुरुष ऐसा कर लेते हैं.
महिलाओ जैसा इंसान दुनिया में और कोई हो ही नहीं सकता. जो समाज और पुरुष के द्वारा दिए गए सभी कष्ट सहकर भी परिवार का दिल से पालन पोषण करती है, और हर किसी को सफल बनाने का प्रयास करती है. महिलाए हमेशा पिता प्रति और के अधीन रहती है, लेकिन पुरुषों को हर चीज की आजादी का अधिकार है, इसलिए औरत कभी चरित्रहीन नहीं होती.
जिसकी बदोलत हम इस दुनिया में आए, वह एक औरत ही होती है, और उसी स्त्री को लोग चरित्रहीन कहने लगते हैं. कई व्यक्तियों की सोच ऐसी होती है, कि औरत उनके नीचे काम करें, महिलाओ को वह सम्मान कभी नहीं मिलता जिसकी वह हकदार होती हैं. हमेशा महिलाओ के साथ नौकरानी जैसा व्यवहार किया जाता हैं. महिलाओ के साथ ऐसा करना बिल्कुल भी उचित नहीं है. वैसे तो महिलाओं को लक्ष्मी का दर्जा दिया गया हैं, लेकिन आज के समय मे दिल से कोई भी महिलाओ को लक्ष्मी नहीं मानता हैं.