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कोरोना की तीसरी लहर कब आएगी !, वैज्ञानिकों ने दी ये चेतावनी

नई दिल्लीः कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर ने भारत में ऐसा कहर मचाया, जिससे अस्पताल मौत का कारखाना बनकर रह गए। संक्रमण की रफ्तार अब धीमी जरूर पड़ी, लेकिन खतरा अभी टला नहीं है। कोरोना से अब तक करीब 4 लाख से अधिक लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। वहीं, अब तीसरी लहर को लेकर लोगों को सावधानी बरतने की चेतावनी जारी की जा रही है।

कोरोना पर नजर रखने वाले वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी कि अगर समय रहते कोविड-19 नियमों का पालन नहीं किया गया तो अक्‍टूबर-नवंबर में कोरोना की तीसरी लहर बेहद घातक साबित हो सकती है। कोविड-19 मामलों की ‘मॉडलिंग को लेकर काम करने वाली एक सरकारी समिति के वैज्ञानिकों ने कहा है कि अगर कोरोना का कोई नया वेरिएंट आता है तो तीसरी लहर बेहद खतरनाक हो सकती है।

कोविड-19 के खतरे का गणितीय मॉडल के जरिए अनुमान लगाने वाले विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के सदस्‍य मनिंद्र अग्रवाल ने कहा, पिछली बार की तरह हमारे अनुमान गलत साबित न हो इसके लिए तीसरी लहर के अनुमान के लिए मॉडल में तीन संभावनाओं पर बात की गई है। आशावादी, मध्यवर्ती और निराशावादी. मनिंद्र अग्रवाल ने कहा कि तीसरी लहर का सही अनुमान लगाने के लिए प्रतिरक्षा की हानि, टीकाकरण के प्रभाव और एक अधिक खतरनाक स्वरूप की संभावना को कारक बनाया गया है। साथ ही उन्‍होंने कहा कि दूसरी लहर के दौरान ऐसा नहीं किया जा सका था।

आगे उन्होंने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर को लेकर हमने तीन संभावनाएं रखी हैं। एक ‘अशावादी’ है, जिसमें हम ये मानकर चल रहे हैं कि अगस्‍त तक जीवन सामान्‍य हो जाएगा और कोई नया म्‍यूटेंट नहीं होगा। दूसरा ‘मध्‍यवर्ती’ है। इसमें हम मानते हैं कि अगस्‍त तक जीवन सामान्‍य होने के साथ ही वैक्‍सीनेशन में 20 प्रतिशत तक कम प्रभावी है।

तीसरा ‘निराशावादी’ है, जिसमें हम ये मानकर चला जा रहा है कि कोरोना का कोई नया वेरिएंट तेजी से फैल सकता है। इस पूरे अनुमान के लिए जिन आंकड़ों को पेश किया गया है उसके मुताबिक अगर कोरोना के वेरिएंट में बदलाव आया तो अक्‍टूबर और नवंबर के बीच कोरोना अपने चरम पर होगा और देश में 1,50,000 से 2,00,000 के बीच मामले बढ़ सकते हैं।

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