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कोरोना वायरस से चीन में मृतकों की संख्या हुई 80, US में भी पांच मामलों की पुष्टि

चीन से शुरू होकर 10 से अधिक देशों में फैल चुके कोरोनावायरस से चीन में मरने वालों की संख्या 80 हो गई है। चीन सरकार ने यह जानकारी दी। इसके साथ ही पूरे चीन में करीब 2300 लोग इससे प्रभावित हैं। वहीं, अमेरिकी स्वास्थ्य एजेंसी ने देश में पांच मरीजों में इस खतरनाक वायरस के पाए जाने की पुष्टि की है। राजस्थान में भी इसका एक संदिग्ध मामला सामने आया है। बता दें कि चीन में इस वायरस से निपटने के लिए युद्धस्तर पर कार्य किए जा रहे हैं। कई प्रमुख शहरों में लोगों के बाहर निकलने तक पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।

इससे पहले अमेरिका में कोरोनावायरस का पहला मामला बीते बुधवार को सामने आया था। अमेरिका के सिएटल में इसका पहला मामला आने की पुष्टि की थी। अमेरिका में कोरोनावायरस से संक्रमित पहला व्यक्ति चीन के वुहान शहर से आया था।

राजस्थान में कोरोनावायरस का एक संदिग्ध मामला सामने आया है। राज्य स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने रविवार को यह जानकारी दी और बताया कि मरीज को अलग रखा गया है। उन्होंने कहा कि चीन में एमबीबीएस कोर्स पूरा करने के बाद भारत लौटे एक डॉक्टर को कोरोनोवायरस से प्रभावित होने के संदेह में यहां एसएमएस अस्पताल में रखा गया था।

उन्होंने कहा कि मरीज के सभी परिजनों की स्क्रीनिंग कराने के निर्देश दिए गए हैं। एक आधिकारिक बयान में मंत्री ने कहा कि मरीज के रक्त का सैंपल पुणे स्थित नेशनल वायरोलॉजी लैब में भेजा गया है। उन्होंने बताया कि राज्य के चार जिलों के कुल 18 लोग चीन से भारत वापस लौटे हैं। संबंधित जिला प्रमुखों और स्वास्थ्य अधिकारियों को उनकी 24 घंटे निगरानी के निर्देश दिए गए हैं।

चीन में मरने वालों की संख्या बढ़कर 56 हुई
चीन से शुरू होकर 10 से अधिक देशों में फैल चुके कोरोना वायरस से 15 और मौत हो गई हैं। चीन के स्वास्थ्य आयोग के अनुसार सभी मौतें चीन के शहर वुहान में हुई जो संक्रमण का केंद्र है। शनिवार को 400 नए संक्रामक रोगी इसकी चपेट में आए। इन्हें मिलाकर कोरोना वायरस अब तक 56 लोगों को लील चुका है और करीब 2000 इससे संक्रमित हैं।

इनमें से 237 की हालात बेहद खराब बताई जा रही है। इसके अलावा 1,965 लोगों को संदिग्ध रोगी मानते हुए निगरानी में रखा गया है। वहीं भारत ने चीन से कहा, कोरोना वायरस के गढ़ वुहान में फंसे 250 से ज्यादा भारतीय छात्रों को वहां से जाने की इजाजत दे।

आम नागरिकों पर भी इसका बुरा असर हो रहा है। चीन द्वारा शनिवार को नए शहरों में आवागमन रोका, जिसके बाद यहां के 18 शहरों के 5.6 करोड़ लोग अपने घरों में कैद हो गए हैं, उनकी आवाजाही थम गई है। वुहान जैसे शहरों में, जहां पहले से प्रतिबंध लगाए गए थे, उन्हें कड़ा कर दिया गया है। आधी रात से सभी तरह के यातायात पर भी पाबंदी लगा दी है।

इन शहरों को हाइवे को जोड़ते मार्ग बंद कर दिए गए हैं। केवल कुछ क्षेत्रों में सप्लाई ट्रकों व बसों को निर्धारित रूट पर आवागमन की अनुमति दी गई है। हालांकि इससे नागरिकों के लिए समस्याएं बढ़ गई हैं। एक गर्भवती महिला ने सोशल मीडिया पर चीन सरकार पूछा कि प्रसव की तारीख निकट है, क्या वह पैदल चलकर अस्पताल पहुंचे?

वहीं वुहान के प्रशासन ने दावा किया है कि वह अस्पतालों में जरूरी सुविधाएं मुहैया करवा रहा है, जिनकी कमी हो रही है। बंद किए गए शहरों में सेना के 40 और चिकित्सकों को लगाया गया है, अब तक सेना के 450 चिकित्सक इस काम में लगाए गए हैं। विदेशों से दानस्वरूप मिल रही वस्तुओं को टैक्स से बाहर किया गया है।

चीन की राजधानी में बीजिंग में 34 संक्रमित पाए गए हैं। वहीं चीन में 1 हजार बेड का अस्पताल 10 दिन में तैयार करने का लक्ष्य बनाया गया है, जिसमें काम कर रहे श्रमिकों को सामान्य से तीन गुना (173 डॉलर प्रतिदिन) मजदूरी दी जा रही हैं। वहीं देश भर में संक्रमित लोगों की पहचान के लिए अभियान शुरू किया गया है।

इसके तहत ट्रेन, बस और विमानों में जांच की जा रही है। इसके अलावा हांगकांग की नेता कैरी लाम ने शनिवार को वायरस आपातकाल की घोषणा की। उन्होंने चीन के मुख्य भूभाग में जाने के सभी कार्यक्रम निरस्त कर दिए, वुहान व हांगकांग के बीच उड़ान व रेल रोकी गई हैं।

हांगकांग : कोरोनावायरस संक्रमितों के लिए प्रस्तावित इमारत पर बम फेंके
हांगकांग में प्रदर्शनकारियों ने उस सार्वजनिक इमारत पर पेट्रोल बम से हमला किया जिसे कोरोनावायरस के संभावित संक्रमितों या उनका इलाज करने वाले कर्मियों को अस्थायी रूप रखने के लिए चिन्हित किया गया था। मध्य चीन से फैले विषाणु की वजह से हांगकांग ने सार्वजनिक आपातकाल की घोषणा की है। यह शहर में चेतावनी का शीर्ष स्तर है।

हांगकांग में अबतक छह लोगों के कोरोनावायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। हालांकि, जिस इमारत में संक्रमित लोगों को रखने का प्रस्ताव था, उसके आसपास के निवासियों ने परिसर के बाहर प्रदर्शन किया और कुछ ने रास्ते को बाधित कर दिया। पुलिस ने रविवार को बताया कि प्रदर्शनकारियों ने इमारत परिसर पर पेट्रोल बम से हमला किया।

स्वास्थ्य रक्षा केंद्र ने कहा कि इमारत परिसर में संक्रमितों को रखने के प्रस्ताव को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। एजेंसी ने पहले ही ग्रामीण इलाके में स्थित एक हॉलीडे पार्क को संक्रमितों को रखने के लिए तैयार किया है।

दो नेपाली नागरिकों के कोरोनावायरस की चपेट में आने का संदेह
चीन से लौटने के बाद दो नेपाली नागरिकों में कोरोनावायरस के लक्षण मिलने के संदेह में उनका यहां एक अस्पताल में इलाज किया जा रहा है। सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी। जानकारी के अनुसार एक 48 वर्षीय महिला और एक 30 वर्षीय पुरूष के कोरोनावायरस से संक्रमित होने की आशंका जताई गई है। उन्हें यहां स्वास्थ्य मंत्रालय के सुकराराज ट्रॉपिकल एंड कम्युनिकेबल डिजीज में भर्ती कराया गया है।
रविवार तक 29,707 यात्रियों की हुई जांच : स्वास्थ्य मंत्रालय
देश के सात हवाईअड्डों पर कोरोवायरस संक्रमण के संबंध में रविवार तक 137 उड़ानों से आए 29,000 से अधिक यात्रियों की जांच की गई है लेकिन अब तक एक भी मामला सकारात्मक नहीं पाया गया।

मंत्रालय ने ट्वीट किया, ‘137 उड़ानों के 29,707 यात्रियों की जांच की गई। आज 22 उड़ानों के 4,359 यात्रियों की जांच की गई। कोरोनावायरस संक्रमण का अभी तक कोई मामला सामने नहीं आया।’

मंत्रालय ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘नेपाल में कोरोनावायरस के एक मामले की पुष्टि होने के मद्देनजर भारत ने नेपाल की सीमा से सटे जिलों में सतर्कता बढ़ा दी है। उत्तराखंड में पिथौरागढ़ जिले के झूलाघाट और जौलजीबी में नेपाल के साथ लगती सीमा पर स्वास्थ्य दल तैनात किए गए हैं।’

जापान में मिठाई की दुकानों पर चीन के लोगों के आने पर प्रतिबंध
चीन से दुनिया में फैले कोरोनावायरस के चलते लोग डर और खौफ के मारे चीन के लोगों से भेदभाव करने लगे हैं। जापान में मिठाई की दुकान चलाने वाले लोगों ने चीन के लोगों को दुकान में आने पर रोक लगा दी है। उन्हें इस बात का डर है कि वे वायरस लेकर आ सकते हैं। इसके लिए बकायदा दुकान के बाहर लिखा है कि किसी चीन के नागरिक को दुकान में घुसने की इजाजत नहीं है।

चीन के डॉक्टर का दावा, आंखों से फैलता है वायरस
चीन के डॉक्टर वांग गुआंगफा का कहना है कि कोरोनावायरस आंखों से फैलता है। वांग को डर है कि उन्होंने अस्पताल में चश्मा नहीं पहना था जिसके चलते वे इस संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं। वहीं इस पर शोध कर रहे वैज्ञानिकों का भी कहना है कि इस रोग से ग्रसित मरीज को छूने के बाद हाथ से अपनी आंखों को छूने पर संक्रमण फैल रहा है।

इसके अलावा वैज्ञानिकों छींक और कफ से निकलने वाले विषाणु आंखों तक पहुंच व्यक्ति को रोगी बना रहे हैं। इंपीरियल कॉलेज ऑफ लंदन के वायरस जिनोमिक्स के प्रोफेसर पॉल केल्लम का कहना है कि ऐसा संभव है। सावधानी इसी में है कि नाक और मुंह के लिए मास्क और आंखों के लिए चश्मा पहनें। इसी में सावधानी है।

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