‘क्या राहुल के लिए यही राष्ट्रभक्ति की परिभाषा है?’ JNU विवाद पर अमित शाह ने पूछे 8 सवाल
दस्तक टाइम्स एजेंसी/ नई दिल्ली: जेएनयू यानी जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी विवादों के बीच पहली बार भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने चुप्पी तोड़ी है। अमित शाह ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए उनसे आठ सवाल कर जवाब मांगा है।
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने अपने ब्लॉग में लिखा है कि जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू ) में जो कुछ भी हुआ उसे कहीं से भी देश हित के दायरे में रखकर नहीं देखा जा सकता है। देश के एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में देश विरोधी नारे लगें और आतंकवादियों की खुली हिमायत हो, इसे कोई भी नागरिक स्वीकार नहीं कर सकता। लेकिन कांग्रेस उपाध्यक्ष और उनकी पार्टी के अन्य नेताओं ने जेएनयू जाकर जो बयान दिए हैं उन्होंने एक बार फिर साबित कर दिया है कि उनकी सोच मे राष्ट्रहित जैसी भावना का कोई स्थान नहीं है।
अमित शाह ने कहा है कि देश की सीमाओं की रक्षा और कश्मीर में अलगाववाद को नियंत्रित करते हुए हमारे असंख्य सैनिक वीरगति को प्राप्त हो चुके हैं। 2001 में देश की संसद में हुए आतंकवादी हमले में दिल्ली पुलिस के 6 जवान, 2 संसद सुरक्षाकर्मी और और एक माली शहीद हुए थे। इसी आतंकी हमले के दोषी अफ़ज़ल गुरू का महिमामंडन करने वालों और कश्मीर में अलगाववाद के नारे लगाने वालों को समर्थन देकर राहुल गांधी अपनी किस राष्ट्रभक्ति का परिचय दे रहे है? मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि अभी हाल में सियाचिन में देश की सीमा के प्रहरी सैनिकों जिनमे लांस नायक हनुमंथप्पा एक थे , क्या वो उनके बलिदान को वह इस तरह की श्रद्धांजली देंगे ?
गौर हो कि देशद्रोह मामले में जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार की गिरफ्तारी के एक दिन बाद उनके प्रति एकजुटता दिखाते हुए राहुल गांधी जेएनयू कैंपस पहुंचे थे और राजग सरकार पर छात्रों की आवाज दबाने का आरोप लगाया।