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क्या वाकई में कांच के टूटने से होता है अपशगुन

कांच के टूटने से अपशकुन 

ऐसी बहुत सी घटनाएँ है जिनके घटित होने पर उसे अपशगुन से जोड़ दिया जाता है. ऐसा ही होता है कि कांच के टूटने से अपशकुन होता है . सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देश है जो कांच के टूटने को अपशगुन मानते है. लेकिन क्या सच में कांच के टूटने से अपशकुन होता है या फिर ये सिर्फ सुनी सुनाई बातें है. तो चलिए आज जानते है कांच के टूटने से अपशकुन होता है या नहीं. दरअसल ये मान्यता सैकड़ों सालों से चली आ रही है की कांच के टूटने से अपशकुन होता है.

क्या वाकई में कांच के टूटने से होता है अपशगुन

ऐसा कहा जाता है रोमन लोगो ने ही कांच का सबसे पहले आविष्कार किया था, जिसके बाद से कांच के टूटने का अपशगुन यूरोप में ही सबसे पहले शुरू हुआ. इसके बाद इस बात को चीन, अफ्रीका और भारत के लोग भी मानने लगे की कांच के टूटने से अपशगुन होता है. हालाँकि भारत में कांच के टूटने को अपशगुन इसलिए माना जाता है क्योंकि भारतीय संस्कृति में माना जाता है कि कांच में आत्मा को कैद करने की शक्ति होती है. और कांच टूटने से वो आत्मा स्वतंत्र हो जाती है और वो किसी को भी नुकसान पहुंचा सकती है. लेकिन इसके पीछे भी कोई वैज्ञानिक तर्क नहीं है ये तो बस चल आ रही कहानी ही है.

इसके पीछे एक कारण ये भी बताया जाता है कि सदियों पहले कांच को बनाने में बड़ी मेहनत लगती थी और ये काफी कीमती हुआ करता था. इसलिए इसे सावधानी से रखने के लिए ये अन्धविश्वास फैलाया गया कि कांच के टूटने से अपशगुन होता है. वहीं कुछ विशेषज्ञों की माने तो इस बात का कोई आधार नहीं है कि कांच के टूटने से कोई अपशगुन होता है. प्राचीन ग्रंथों और इतिहास में भी इससे जुड़ी कोई बात नहीं है. ये तो बस एक चली आ रही परम्परा और अन्धविश्वास ही है.

तो कहने का मतलब यही है कि कांच के टूटने से अपशकुन नहीं होता है. ये तो बस सालों से चला आ रहा अन्धविश्वास है इसके अलावा और कुछ नहीं. हालाँकि कांच का टूटना खतरनाक होता है क्योंकि इसके बिखरे टूकड़े नुकीले और धारदार होते है जो आपको नुकसान पहुँच सकते है.

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