खतरनाक मोबाइल फोन रेडिएशन से खुद को यूं बचाएं
मोबाइल फोन का इस्तेमाल हमारी जिंदगी में कुछ इस कदर बढ़ चुका है कि अब न केवल युवा और बुजुर्गों ने बल्कि छोटे बच्चों ने भी मोबाइल फोन को अपना दोस्त बना लिया है। हर कोई मोबाइल फोन से चुंबक की तरह चिपका हुआ है। अब फोन का इस्तेमाल केवल कॉलिंग व चैटिंग के लिए ही नहीं बल्कि गेम्स से लेकर वीडियोज देखने तक किया जाता है। हम सुबह उठते ही किसी अपने का चेहरा देखना नहीं बल्कि अपने मोबाइल फोन का चेहरा देखना पसंद करते हैं, अगर कुछ देर के लिए भी फोन आंखों से दूर हो जाता है कि लगता है मानों हमारी दुनिया-सी उजड़ जाती है।
मोबाइल फोन को हमने अपनी दुनिया बना ली है, लेकिन क्या आप आप जानते हैं आपकी यह दुनिया आपकी असल जिंदगी उजाड़ने का दम रखती है। हर कोई जानता है मोबाइल फोन से निकलने वाली रेडिएशन हमारे लिए कितनी खतरनाक है। मोबाइल रेडिएशन पर कई शोध किये गये हैं, और तमाम शोध में यह पाया गया है कि एक इंसान 50 मिनट तक निरंतर मोबाइल फोन रेडिएशन में रहता है तो उसके दिमाग के सेल्स प्रभावित होते हैं। यही नहीं मोबाइल से निकलने वाली ये खतरनाक रेडिएशन आपको बहरा बना सकता है, आपकी याद्दाश्त कमजोर कर सकता है यही नहीं इससे आपको ब्रेन ट्यूमर भी हो सकता है। हालांकि, आज के समय में मोबाइल फोन का इस्तेमाल करना हमारी पसंद से ज्यादा जरूरत बन चुकी है। चाह कर भी हम मोबाइल से दूरी नहीं बना सकते। ऐसे में आज हम आपको कुछ ऐसे तरीके बताने जा रहे हैं, जिनके इस्तेमाल से आप इसके खतरनाक रेडिएशन से अपने स्वास्थ्य को कुछ हद तक बचा सकते हैं।
खुद को मोबाइल रेडिएशन से बचाना है, तो फोन को कान पर लगाकर बात न करें। हमेशा ईयरफोन लगाकर फोन पर बात करें। कान पर लगाकर फोन पर बात करने से मोबाइल फोन की रेडिएशन से आपके दिमाग की सेल्स प्रभावित होती हैं, यह रेडिएशन जितना आपके शरीर के करीब होगी उतना ही आप इसकी चपेट में आएंगे।
रात को सोते समय फोन को अपने से जितना हो सकते दूर रखें-
रात को सोते समय कई लोगों की आदत होती है, वो फोन को अपने तकीए के नीचे रखकर सोते हैं। वहीं, बात फोन जितना दूर रहेगा उतना कम रेडिएशन आपके शरीर तक पहुंचेगा। रात को सोते वक्त फोन का इस्तेमाल आपको नहीं करना होता, तो ऐसे में इसे खुद से दूर ही रखें। अगर फोन को खुद से दूर नहीं रख सकते तो उसे एयरोप्लेन मोड़ पर रखें या स्विचऑफ कर दे, इससे उससे निकलने वाली रेडिएशन भी खत्म हो जाएगी।
कॉल से ज्यादा मैसेज को दें प्राथमिकता-
कॉल पर बात करने से ज्यादा प्राथमिकता आप मैसेज को दें। फोन पर जितना ज्यादा बात होगी, उतनी ज्यादा रेडिएशन आपको प्रभावित करेगी क्योंकि फोन कॉल्स पर ज्यादा रेडिएशन निकलता है। आप बात करने के लिए व्हाट्सएप का इस्तेमाल कर सकते हैं।
कम सिग्नल पर न करें फोन का इस्तेमाल-
जब भी फोन में कम सिग्नल दिखाई दें, तो कॉल या मैसेज करने से बचें। जी हां, क्योंकि कम सिग्नल्स में फोन करने या मैसेज भेजने के लिए फोन को नेटवर्क ढूंढने में ज्यादा जोर लगाना पड़ता है, जिससे रेडिएशन की मात्रा बढ़ जाती है।
शर्ट की जेब में न रखें फोन-
शर्ट की जेब अमूमन आपके हद्य के पास होती है। ऐसे में फोन की खतरनाक रेडिएशन आपके दिल के लिए भी घातक साबित हो सकती है।
कम रेडिएशन वाला फोन खरीदें-
मोबाइल फोन के बुरे प्रभाव से बचने के लिए सरकार ने मार्केट में कम रेडिएशन वाले मोबाइल फोन बेचने पर जोर दिया है, अगर आप नया फोन लेने की सोच रहे हैं तो आप भी इस कम रेडिएशन वाला फोन ही खरीदें।