खतरों के खिलाड़ी होने के साथ ही अगर दुनिया के कुछ अजीबो गरीब जगह देखनेे का शौक रखते हैं तो एक बार यहां का रूख जरूर करें। एक तरफ जहां एलईडी लाइटों और कई तरह की सुविधाओं से लैस ब्रिज शहर की शान बढ़ा रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ रस्सी और लकड़ी से बने ये ब्रिज आज भी रोमांच और आश्चर्य की मिशाल हैं। खास बात इन ब्रिज की ये है कि इतने कमजोर ब्रिज पर लोग अपने पशुओं और कई तरह के सामानों के साथ अपना रास्ता पार करते हैं।
उत्तरी आयरलैंड का यह रोप ब्रिज काउंटी एंट्रिम के पास बालिनटाय के पास के बना हुआ है। इस रोप ब्रिज की लंबाई 66 फीट और ऊंचाई 90 फीट से भी ज्यादा है। हर साल लाखों की संख्या में लोग इसे देखने आते हैं। लोगों का कहना है कि 300 साल पहले से यहां मछुवारे रस्सियों का पुल बनाते थे, फिर भी इस ब्रिज को बनाने में काफी वक्त लगा। साल 2000 में इस पुल को मॉडर्न रूप दिया गया था इसके बाद साल 2004 में नए रूप में बनाया गया।
11वीं सदी में जापान के इस रोप ब्रिज को बनवाया गया था। वैसे जापान में इया वैली पर पुराने समय में बनाए गए रस्सी के तीन पुल हैं। यहां के इन पुलों में से हसबैंड ब्रिज और वाइफ ब्रिज सबसे ज्यादा फेमस है। काफी ऊंचे बने इस पुल पर गुजरते हुए लोगों की सांसें थम जाती है। रोमांच और एडवेंचर से भरे इस पुल को पार करने के लिए 500 येन का टैक्स देना पड़ता है।
साल 2011 में ये पुल भारी बारिश से खराब हो गया था। दुनिया के खतरनाक ब्रिजों में शामिल है पाकिस्तान का ये पुल। पाकिस्तान के उत्तरी इलाके गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र 1978 तक देश से कटा हुआ था हिस्सा था। इसका कारण यह पहाड़ी क्षेत्र है और यहां सड़के नहीं थी। इस पर्वत से लोग रावलपिंडी तक पैदल ही चला करते थे। 1978 में काराकोरम हाईवे बनकर तैयार हुआ तब जाकर यह क्षेत्र देश से जुड़ पाया। लेकिन आंतरिक क्षेत्र में यात्रा करना 100 साल पहले बहुत कठिन था। इस इलाके में बोरित झील को पार करने के लिए अपर हुंजा में यह हुसैनी हैंगिग बिज बनाया गया था। यह लंबा तो था साथ ही इसका मेंटीनेंस भी ठीक से नहीं किया गया था।
कला की अनोखी मिसाल के तौर पर बना पेरू का ये रोप ब्रिज। इस पुल को हाथ से बुनकर तैयार किया गया है। यहां की कुजको वैली में क्यूचुआन समुदाय के लोग रहते हैं जिन्होंने जंगली घास से रस्सियों को तैयार किया था। लगभग 118 फीट लंबे और 220 फीट ऊंचे पुल की खूबसूरती अट्रैक्ट करने के लिए काफी है। यह कैनयोन की तेज बहती हुई नदी पर बना है। माना जाता है कि इस तरह का पुल यहां के लोगों ने 500 साल पहले बनाया था। हर साल इसकी रिपेयरिंग की जाती थी। इंका समुदाय के लोगों ने अपने पूर्वजों के इस पुल को 2003 में फिर से बेहतरीन ढंग से बना दिया।