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खुलासा: राम मंदिर में चोरी-छिपे आकार ले रही मूर्तियां, बाहर से भी बुलाए जा रहे कारीगर
रामजन्मभूमि पर प्रस्तावित मंदिर के लिए विहिप पत्थर तराशी के साथ मूर्तियां भी बनवा रही है। राममंदिर का मुकदमा देश की सबसे बड़ी अदालत में चल रहा है। अयोध्या में 2019 लोकसभा चुनाव के पहले अचानक राम मंदिर को लेकर सरगर्मियां तेज हो गयी हैं। हालांकि, रामघाट क्षेत्र में एक किनारे टीन शेड में हो रहे निर्माण की न तो कहीं कोई चर्चा है और न ही चंद लोगों को छोड़कर किसी को जानकारी। विहिप की योजना के अनुसार 67.77 एकड़ के संपूर्ण अधिगृहीत परिसर की परिधि में यह मूर्तियां लगनी है।
योजना के अनुसार दशरथ के पुत्रेष्टि यज्ञ एवं रामजन्म से लेकर मां सीता के धरती में समाहित होने तथा राम की जलसमाधि से स्वधाम गमन तक के पूरे सौ प्रसंग मूर्तिमान होने हैं। प्रत्येक प्रसंग में औसतन छह मूर्तियां और प्रसंग के अनुरूप अन्य छवियों का अंकन होना है। अब तक पुत्रेष्टि यज्ञ से लेकर रामजन्म, बाललीला, वशिष्ठ के आश्रम में विद्याध्यन, विश्वामित्र के यज्ञ की रक्षा, ताड़का, सुबाहु वध, सीता जन्म, अहिल्या उद्धार, स्वंयवर सभा, राम वनवास के 30 प्रसंगों को आकार दिया जा चुका है।
योजना के अनुसार दशरथ के पुत्रेष्टि यज्ञ एवं रामजन्म से लेकर मां सीता के धरती में समाहित होने तथा राम की जलसमाधि से स्वधाम गमन तक के पूरे सौ प्रसंग मूर्तिमान होने हैं। प्रत्येक प्रसंग में औसतन छह मूर्तियां और प्रसंग के अनुरूप अन्य छवियों का अंकन होना है। अब तक पुत्रेष्टि यज्ञ से लेकर रामजन्म, बाललीला, वशिष्ठ के आश्रम में विद्याध्यन, विश्वामित्र के यज्ञ की रक्षा, ताड़का, सुबाहु वध, सीता जन्म, अहिल्या उद्धार, स्वंयवर सभा, राम वनवास के 30 प्रसंगों को आकार दिया जा चुका है।
यह मूर्तियां सीमेंट, सरिया और कंक्रीट के मिश्रण से बनाई जा रही है। इन मूर्तियों को इस तरह बनाया जा रहा है कि यह श्री राम के जीवनकाल के आरंभ से लेकर सरयू में गुप्त होने तक के सभी प्रमुख पहलुओं का अहसास कराए और उसको जीवंत बनाये।