खुशखबरी ! युवाओं को इस सेक्टर में मिलेंगी एक करोड़ नौकरियां
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में टैक्सटाइल क्षेत्र के इस पैकेज को मंजूरी दी गयी। बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संवाददाताओं से कहा कि इस पैकेज से टैक्सटाइल के क्षेत्र में रोजगार की संभावनाओं के पूरी तरह दोहन में मदद मिलेगी।
सरकार ने टैक्सटाइल पैकेज के रूप में सबसे बड़ा तोहफा गारमेंट्स के लिए ड्यूटी ड्रॉबैक्स के रूप में दिया है। इससे गारमेंट उद्योग को 5,500 करोड़ रुपये का लाभ होगा। गारमेंट मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए केंद्र ने आयकर कानून की धारा 80जेजेएए के तहत कार्य दिवसों की संख्या 240 से घटाकर 150 कर दी है। साथ ही तीन साल तक गारमेंट इकाइयों को 10 प्रतिशत अतिरिक्त एटीयूएफएस सब्सिडी प्रदान की जाएगी। इससे सरकार के खजाने से 400 से 500 करोड़ रुपये की राशि खर्च होगी।
फिलहाल इस क्षेत्र को 15 प्रतिशत अतिरिक्त सब्सिडी दी जा रही है। इस तरह अतिरिक्त सब्सिडी बढ़कर 25 प्रतिशत हो जाएगी। इस क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों को औपचारिक क्षेत्र में शामिल करने के लिए सरकार ने 15,000 रुपये तक सब्सिडी वाले सभी नए कर्मचारियों को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन में शामिल करने पर सरकार ईपीएफ योजना में नियोक्ता की ओर से किए जाने वाले 12 प्रतिशत अंशदान का भुगतान करने का फैसला किया है।
सरकार ने गारमेंट इकाइयों को राहत देते हुए श्रम कानूनों को भी लचीला बनाया है। इसके तहत अब कामकारों के लिए हर हफ्ते आठ घंटे से अधिक ओवरटाइम नहीं होगा। इसके अलावा इस क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों को नियमित कर्मचारी की तरह लाभ देने के लिए औद्योगिक रोजगार (स्थाई आदेश) कानून, 1946 की उपधारा एक (15) के तहत निश्चित अवधि के लिए रोजगार की योजना शुरु की जाएगी।
भारत 3 साल में छोड़ देगा वियतनाम और बांग्लादेश को पीछे
भारत ने 1995 से 2000 के बीच वियतनाम और बांग्लादेश से अधिक निर्यात करता था। हालांकि 2003 में बांग्लादेश का वस्त्र निर्यात भारत से अधिक हो गया। इतना ही नहीं 2011 में वियतनाम ने भी इस मामले में भारत को पीछे छोड़ दिया। आज स्थिति यह है कि भारत का वस्त्र निर्यात इन दोनों देशों से कम है। सरकार का मानना है कि अगले तीन साल में इस पैकेज की मदद से भारत इन दोनों देशों को पीछे छोड़ देगा।
रोजगार की हैं अपार संभावनाएं
टैक्सटाइल सेक्टर में एक करोड़ रुपये के निवेश से 70 नौकरियां सृजित होती हैं जबकि स्टील सेक्टर में मात्र 10 और ऑटोमोबाइल सेक्टर में 25 नौकरियां ही सृजित होती हैं। फाइबर से लेकर मैन्युफैक्चरिंग तक इस क्षेत्र की पूरी चेन भारत में है, इसलिए सरकार ने रोजगार बढ़ाने को यह पैकेज दिया है। सरकार का कहना है कि इस पैकेज से कम से कम एक करोड़ लोगों को रोजगार मिलेगा।