खुशखबरीः यूपी में जल्द मिलेंगी 71 हजार सरकारी नौकरियां
यूपी सरकार ने सिपाहियों की भर्ती में लिखित परीक्षा की व्यवस्था समाप्त कर दी है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट बैठक में यूपी पुलिस आरक्षी तथा मुख्य आरक्षी सेवा नियमावली में बदलाव को हरी झंडी दे दी गई।
इसका सीधा लाभ जल्द होने जा रही 35 हजार सिपाहियों की भर्ती में शामिल अभ्यर्थियों को मिलेगा। सीएम ने कहा कि आगे भी इसी तरह से भर्तियां की जाएंगी। मुख्यमंत्री ने कुछ समय पहले ही सिपाही भर्ती में लिखित परीक्षा समाप्त करने की घोषणा की थी।
कैबिनेट की बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि अब प्रदेश में सिपाहियों की भर्ती हाईस्कूल और इंटर की मेरिट तथा फिजिकल टेस्ट के आधार पर होगी। सिपाहियों की ट्रेनिंग की व्यवस्था भी दुरुस्त की जाएगी और बेहतर प्रशिक्षण दिलाया जाएगा ताकि बेहतर पुलिसिंग हो सके ।
इस तरह तैयार की जाएगी मेरिट
डीजीपी मुख्यालय द्वारा तैयार इस प्रस्ताव के बारे में जिम्मेदार अफसर ने बताया कि हाईस्कूल में हासिल अंकों को सौ और इंटर में हासिल अंक को 200 का मानते हुए मेरिट बनेगी। मसलन, अगर हाईस्कूल में 80 फीसदी अंक हैं तो 100 में से 80 अंक दिए जाएंगे। इंटर में अगर 80 फीसदी अंक हैं तो इसे 200 का मानते हुए 160 नंबर दिए जाएंगे। दोनों को जोड़कर मेरिट बनेगी।
संविदा पर रखे जाने वाले सफाई कर्मियों के लिए नगर निगमों में नगर आयुक्त की अध्यक्षता में चयन समिति बनेगी। वहीं, नगर पालिका परिषद के लिए डीएम द्वारा नामित अधिकारी (कम से कम एडीएम स्तर का) तथा नगर पंचायतों के लिए संबंधित तहसील के एसडीएम की अध्यक्षता में चयन समिति गठित की जाएगी।
कैबिनेट ने प्रदेश के नगर निकायों में 35774 संविदा सफाई कर्मियों की भर्ती को हरी झंडी दे दी। इन सफाई कर्मियों को 14000-14,500 रुपये प्रति माह वेतन मिलेगा। प्रदेश के सभी निकायों में सफाई कर्मियों के कुल 99,939 पद स्वीकृत हैं। इनमें से खाली चल रहे 35,774 पदों पर भर्ती की जाएगी।
संविदा पर रखे जाने वाले सफाई कर्मियों से निकायों पर जो अतिरिक्त व्ययभार आएगा, उसे निकायों को खुद वहन करना पड़ेगा। सफाई कर्मियों के रिक्त पदों पर संविदा नियुक्ति का प्रस्ताव काफी समय से लटका हुआ था। कैबिनेट की हरी झंडी के बाद जल्द ही भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
अभी यह व्यस्था
प्रारंभिक परीक्षा होती थी। इसके बाद दौड़, मुख्य लिखित परीक्षा, फिजिकल मेजरमेंट (शारीरिक नापतौल) के बाद अंतिम चयन होता था।