गंगा नदी का रौद्र रूप, पानी में समा गया पूरा मकान व पानी की टंकी
बलिया । जिले में गंगा के रौद्र रूप ने तबाही मचानी शुरू कर दी है। जलस्तर में तेजी से हाे रहे बढ़ाव का असर जिले के केहरपुर व सुधर छपरा गांव पर पड़ा है। रविवार की सुबह गंगा के कटान से केहरपुर स्थित पानी टंकी देखते ही देखते गंगा में विलीन हो गई।
लगभग एक दर्जन मकान भी तेज धार में बह गए। इससे पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। सुरक्षित ठौर की तलाश में लोगों का पलायन तेज हो गया है।
बाढ़ की चपेट में आने से ग्रामीण जलेसर, योगेश्वर, प्रभुनाथ, रघुनाथ, रमाशंकर चौबे, पप्पू ओझा, रामेश्वर आदि के मकान गंगा में विलीन हो चुके हैं। करीब दो दर्जन से अधिक लोगों ने अपना मकान खाली कर दिया है। खतरा बिंदु से एक मीटर ऊपर बह रही गंगा अब तबाही की ओर अग्रसर है। कटान की चपेट में अब जच्चा-बच्चा केंद्र है। कटान का सिलसिला नहीं थमा तो केहरपुर गांव का अस्तित्व बहुत जल्द समाप्त हो जाएगा।
गंगा एनएच-31 से मात्र पांच सौ मीटर की दूरी पर बह रही है। कटान की जद में हरेराम की मठिया भी आ गई है। वहीं प्रशासनिक अधिकारी बाढ के बाद सक्रिय हुए तो जिलाधिकारी भवानी सिंह खंगारौत व क्षेत्रीय विधायक सुरेंद्र सिंह ने एक साथ कटान स्थल का निरीक्षण किया।
जिलाधिकारी ने कहा कि बिना नदी का पानी उतरे कटानरोधी कार्य संभव ही नहीं है। उन्होंने कटान क्षेत्र में न जाने की भी लोगों से अपील की है। वहीं सुघर छपरा में भी सौ एकड़ उपजाऊ भूमि गंगा में समाहित हो गई है। तेजी से हो रहे कटान को देखते हुए लोग मकानों को खाली करने लगे हैं।