हर महिला के जीवन में गर्भावस्था सबसे सुनहरे पलों में से एक होता है। इस दौरान मां को अपने अजन्मे बच्चे से ही प्रेम हो जाता है और वह उसे लेकर मन में कई सपने संजोने लगती है। गर्भावस्था के दौरान स्त्री की भावनाओं में अभूतपूर्व परिवर्तन होते हैं और उसे बच्चों के प्रति लगाव होने लगता है।
गर्भावस्था के दौरान महिला को अपने अजन्मे बच्चे के साथ पूरा समय बिताने का मिलता है ऐसे में नई मां को चाहिए कि वो बच्चे के साथ अपनी बॉन्डिंग अच्छी सी बनाएं और दुनिया में उसके जन्म के बाद उसे अपनी मां अनोखी और अलग न लगे। इसके लिए डॉक्टर और विशेषज्ञ भी कई प्रकार की थेरेपी बताते हैं जिससे अजन्मे बच्चे के साथ मां, काफी मजबूत रिश्ता बना सकती है। ये तरीके निम्न प्रकार हैं:
1. गाना – गर्भ में पल रहे बच्चे को लगातार 9 महीने तक विशेष गीत सुनाएं, बच्चा अंदर उसे सुन सकता है और जब वह जन्म के बाद रोएं तो उसे वहीं गीत सुनाएं। इससे बच्चा रोएगा नहीं और उसे सहज महसूस होगा। इस प्रकार, मां बच्चे के साथ प्यारा सा रिश्ता बना सकती है।
मसाज – कई शोध अध्ययनों से यह बात स्पष्ट हुई है कि गर्भवती स्त्री अगर अपने पेट पर किसी अच्छे तेल से हल्के हाथों से मालिश करें तो बच्चे को उसका स्पर्श पता चल जाता है और वह कम्पन महसूस करता है इससे जन्म के बाद भी वह मां के स्पर्श को पहचान जाता है।
3. बातचीत – बच्चे के साथ अकेले में बातचीत करें, वह सुन सकता है। ऐसा करने से बच्चा, आवाज से अपरिचित नहीं रहता है और जन्म के बाद भी वह उन लोगों के साथ सहज महसूस करता है।
5. सकारात्मक सोचें – गर्भावस्था के दौरान महिला को सकारात्मक सोच बनाएं रखनी चाहिए। इसका प्रत्यक्ष प्रभाव बच्चे के मानसिक विकास पर पड़ता है। तनाव मुक्त रहना भी इस दौरान बेहद आवश्यक होता है, ताकि आप हँसते हुए बच्चे को इस दुनिया में लाएं।
6. पापा को दें वक्त – अजन्मे बच्चे के साथ मां ही नहीं बल्कि पापा को भी टाइम देना जरूरी होना है। इसीलिए दम्पत्ती को एकसाथ समय बिताना चाहिए और बच्चे से बातें करनी चाहिए। इससे बच्चा, अपने पैरेंटस की आवाज को पहचान लेता है।
7. योगा – अध्ययनों से यह बात स्पष्ट हो चुकी है कि योग करने से मां और बच्चे दोनों को लाभ होता है। गर्भावस्था के दौरान कुछ विशेष प्रकार के योग करना चाहिए जिससे पेट पर जोर न पड़े। योग के माध्यम से मां के मन को शांति मिलती है और बच्चे को भी आराम मिलता है।
8. बेबी एलबम बनाएं – गर्भावस्था के दौरान अलग-अलग महीनों की तस्वीरें लें और एक अच्छा सा एलबम बनाएं। इससे बच्चे के जन्म के बाद आपकी उस दौर से यादें जुड़ी रहेगी और बच्चे को भी बड़े होने पर अच्छा तोफहा मिल जाएगा।