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गलत फोटो दर्ज, ताजमहल के इतिहास से खिलवाड़

india-tajmahal_1456480078एजेन्सी/ताजमहल पर केंद्र और राज्य सरकार की वेबसाइट इसके इतिहास से खिलवाड़ कर पर्यटकों को भ्रमित कर रही हैं। ताजमहल सहित देश भर के स्मारकों की ऑन लाइन टिकट खरीदने के लिए एएसआई (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) ने जो वेबसाइट बनाई, उसमें ताजमहल को 30 सालों में 1628 से 1658 के बीच तामीर दिखाया जा रहा है, वहीं ताज के इंटीरियर में फोटो वेटिकन सिटी के सेंट पीटर्स चर्च के लगाए गए हैं।

केंद्र सरकार ने ताजमहल, हुमायूं का मकबरा, कुतुब मीनार सहित देश के दो दर्जन से ज्यादा स्मारकों पर ऑन लाइन टिकट व्यवस्था शुरू की है। इसके लिए वेबसाइट भी बनाई है। केनरा बैंक के साथ एएसआई ने करार किया है।

इसमें ताजमहल की टिकट ऑन लाइन खरीदने पर ताज का चित्र और उसके इतिहास का गलत चित्रण किया गया है। ताज के तामीर होने का वर्ष तो गलत है ही, ताज के मुख्य गुंबद की जगह सेंट पीटर्स चर्च, वेटिकन सिटी के गुंबद का फोटो गैलरी में दिखाया गया है।

बनाई गई है ताजमहल की ऑफिशियल वेबसाइ

इसी तरह उत्तर प्रदेश सरकार ने ताजमहल की आफिशियल वेबसाइट भी तैयार की है। इसे अब तक 42 लाख लोग देख चुके हैं। इसमें ताजमहल के दक्षिणी गेट की जगह मस्जिद का फोटो दिखाया गया है, वहीं टिकट विंडो और लॉकर को लेकर भी पुरानी जानकारियां दी गई हैं।

इस वेबसाइट में ताज के तामीर होने का वर्ष 1631 से 1648 के बीच यानी 17 सालों में दिखाया गया है। एएसआई की आफिशियल वेबसाइट में भी 1631 से 1648 तक ताज का निर्माण वर्ष लिखा गया है।

‘वेबसाइट पर जो भी गलतियां पाई गई है, स्थानीय सर्किल आफिस इसे दिल्ली भेजेगा। इतिहास के साथ कुछ फोटो भी गलत पाए गए हैं। इसके लिए मुख्यालय को रिपोर्ट दी जाएगी’
डा. भुवन विक्रम, अधीक्षण पुरातत्वविद

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