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गवर्नर के बड़े बोल, हरियाणा की तरह हिमाचल में भी है छुआछूत

acharya-devvrat-564071c232eee_exlstस्तक टाइम्स/एजेंसी- हरियाणा:  हिमाचल प्रदेश के गवर्नर आचार्य देवव्रत एक कार्यक्रम के सिलसिले में अपनी ससुराल सोनीपत के गांव नाहरी पहुंचे। यहां उन्होंने कई चौंकाने वाली बातें कहीं। जानिए क्या बोले?

आचार्य देवव्रत का कहना है कि हरियाणा ही नहीं, देवभूमि हिमाचल में भी छुआछूत है। कई इलाके तो ऐसे हैं, जहां मिड डे मील के लिए अब भी जाति के आधार पर विद्यार्थियों की अलग से लाइन लगवाई जाती हैं, लेकिन तत्काल इस भेदभाव को खत्म करने की हिदायत दी गई है। किसी भी सूरत में छुआछूत व लड़कियों से भेदभाव नहीं होने देंगे।

आचार्य देवव्रत गांव नाहरी में पत्नी दर्शना देवी के साथ बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ की अलख जगाने पहुंचे थे। अमर उजाला से खास बातचीत में आचार्य देवव्रत ने कहा कि ऐसा नहीं है कि देवभूमि के हर हिस्से में ऐसा हो रहा है। शिमला से आगे ऊपरी पहाड़ी इलाकों में लोगों के आदर्श आज भी उच्च हैं। लोग घरों को ताला तक नहीं लगाते।

हिमाचल में गाय के माध्यम से विशेष विचारधारा थोपने के आरोप पर राज्यपाल ने कहा कि बस समझने का फर्क है। उनकी इच्छा है कि हर घर के खूंटे पर गाय बंधी हो, लेकिन इसके लिए किसी परिवार को मजबूर नहीं किया जाएगा, बल्कि गाय के गुणों को समझकर खुद ही परिवार गाय पालने के लिए मजबूर हो जाएंगे।

राज्यपाल ने बताया कि पालम में उनकी मौजूदगी के बीच वैज्ञानिकों ने शोध करके साबित किया कि गाय वास्तव में कामधेनु हैं। इसके दूध ही नहीं, मूत्र से भी दवाइयां बन सकती हैं, वहीं इसके गोबर से बनी खाद सर्वोत्तम है।

राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने बताया कि हिमाचल प्रदेश की जनता के लिए राजभवन के दरवाजे हर समय खुले हैं। कोई भी व्यक्ति किसी भी समय अपनी समस्या लेकर आ सकता है। इसके लिए वे ज्यादा से ज्यादा समय अपने कार्यालय में व्यतीत करते हैं।

आचार्य देवव्रत ने कहा कि ‌हिमाचल में बेटियों की संख्या बेटों से ज्यादा है, लेकिन पंजाब व हरियाणा से लगते हिस्से में भ्रूण हत्या जैसी सामाजिक बुराई पनप रही है। उनका पूरा प्रयास है कि संस्कृति, शिक्षा के ढांचे में बदलाव लाकर बुराइयों को खत्म किया जाए। क्योंकि आज की आधुनिक शिक्षा अक्षर ज्ञान तो दे सकती है, लेकिन संस्कार नहीं दे पा रही।

 

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