उत्तर प्रदेशराष्ट्रीय

गिरता गया पारा और चढ़ते गये सुर

javed ali_1वाराणसी। काशी में रविवार की सर्द रात कुल्लू-मनाली जैसा अहसास करा रही थी पर राजकीय गर्ल्स इंटर कॉलेज के खुले मैदान में युवाओं का जोश सर्द रात को हराने के लिए पूरा जोर मार रहा था। मौका ही ऐसा था, जब कोई भी इसे किसी कीमत पर छोड़ना नहीं चाहता था। जावेद के सुरों की गर्मी ने मैदान पर पसरी गलन को जैसे भगा दिया। जैसे ही जावेद मंच पर आये, मानो उनको करीब से देखने के लिए आसमान से कोहरा भी टपक पड़ा। देखते ही देखते चारों ओर धुंध छा गयी पर वाह रे युवा जोश पूरी शिद्दत के साथ अपने इस अजीज फनकार को न सिर्फ सुना, बल्कि उनके साथ सुर भी मिलाये। जावेद ने मंच पर आते ही पहले पूरे माहौल को रोमांटिक किया। शुरुआत फिल्म ‘जोधा-अकबर’ के लोकप्रिय गीत ‘कहने को जश्न बहार है’ से की। सुरों का जादू चला तो फिर कोहरे की परवाह कहां रही। तालियां और सीटियां बजती रहीं। शाहरुख खान की फिल्म ‘जब तक है जान’ इस शो की दूसरी प्रस्तुति रही। इसके बाद फिल्म ‘राज-थ्री’ का गीत सुनाने से पहले श्रोताओं से कयास लगाने को कहा। लोगों की मांग पर उन्होंने ‘तेरी बाहों में ऐसी राहत सी मुझे..’ सुनाया और यह वह पल थे, जब युवा बंधन तोड़कर स्टेज के पास तक पहुंच गये। फिल्म ‘इश्कजादे’ का टाइटिल सांग ‘इक ओर बढ़ने लगे जो…’ तक युवा पूरी तरह थिरकने लगे थे। इसके बाद ‘रॉकस्टार’ का गीत ‘तुम मिले..’ सूफी गीत ‘मौला मेरे मौला’ के बाद राजस्थानी शैली में ‘केसरिया बालम पधारो मेरे देश..’ और फिर इसके ओरीजिनल कम्पोजीशन को सुनाया। फिल्म ‘रांझणा’ के गीत ‘तुम तक तुम तक..’ पर लोगों ने भी खूब साथ दिया। इसके बाद जावेद ने कुछ देर ब्रेक लिया और अन्नपूर्णा ने विक्की डोनर का गीत ‘पानी दा रंग देख के..’ और ‘आशिकी-टू’ का गीत ‘तूही ये मुझको बता दे’ सुनाकर लोगों का दिल जीता। जावेद मंच पर लौटे और अन्नपूर्णा के साथ ‘तुम मिले’ का टाइटिल सांग और ‘कजरारे-कजरारे…’ सुनाकर लोगों को भी झुमा दिया। फिल्म ‘दावते इश्क’ का गीत ‘दिल से दस्तरख्वान बिछाया’ और ‘यमला पगला दीवाना’ का गीत ‘टिंकू जिया’ से गीत संध्या का समापन किया। इसके बाद ‘जब वी मेट’ का नगाड़ा बजा, कुछ लड़कियों ने इसपर नृत्य किया और इसी के साथ जावेद की इस थिरकती संगीत रात्रि का समापन हो गया।

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