गुणात्मक शिक्षा के लिए 100 करोड़ रु का हब निर्माणाधीन
बच्चों को बेहतर शिक्षा प्रदान करने के लिए स्याहीमुड़ी में करीब 100 करोड़ रु की लागत से एक एजुकेशन हब का निर्माण किया जा रहा हैं, यह एजुकेशन हब शिक्षा के क्षेत्र में बच्चों के लिए मील का पत्थर साबित होगा. इस हब में एक साथ कक्षा 6 से 12 तक के 2000 छात्र शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे. वही, हब के दूसरे हिस्से में सीपेट (सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ प्लास्टिक इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी) की शुरूआत की जाएगी.
इस दूसरे हिस्से की तैयारियां भी प्रारम्भ कर दी गई हैं, बताया जा रहा है कि, इस हब के सहारे ऐसे बच्चों को अधिक फायदा मिलेगा जो गरीबी या किसी अन्य कारणवश अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाते है. यह जिले के कलेक्टर मो. कैसर अब्दुल हक के प्रयास का नतीजा है कि, छात्राओं की शिक्षा के साथ ही सीपेट इंस्टीट्यूट शुरू हो जाए. नए साल में यह शिक्षा का एक बड़ा केन्द्र होगा.
कलेक्टर मो. कैसर अब्दुल हक ने बताया कि, ”एजुकेशन हब में ही सीपेट के लिए सभी इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है, लैब, आवास, प्रशासनिक भवन तैयार कर लिया गया है.” यहां छात्रों को पोस्ट ग्रेजुएशन की शिक्षा देने का प्रस्ताव भेजा गया है. मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह भी इसके लिए प्रयास कर रहे हैं. सीपेट में 100 प्रतिशत प्लेसमेंट है. यहां के छात्रों को रोजगार के लिए आसानी होगी. साथ ही सरगुजा, बलरामपुर समेत नार्थ के जिले के छात्रों को भी यहां प्रवेश देने का भी प्रस्ताव दिया गया है. पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन प्लास्टिक प्रोसेसिंग एंड टेस्टिंग डेढ़ साल का व पोस्ट डिप्लोमा इन प्लास्टिक गोल्ड डिजाइन कोर्स डेढ़ साल का हाेता है.