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गुरूवार के दिन व्रत करने से मिलता है संतान सुख व विवाह का वरदान

सप्ताह का हर एक दिन का संबंध किसी न किसी देवी देवता के साथ रहता है, हर दिन का अपना अलग महत्व भी होता है। वहीं आज हम बात करेंगे विशेष रूप से गुरूवार के दिन का जिसका संबंध बृहस्पति ग्रह से होता है, कहते हैं कि उस दिन उस ग्रह की पूजा करके और उपवास रखकर हम उस ग्रह को मजबूत कर सकते हैं। गुरुवार का दिन बृहस्पति देव का दिन माना जाता है, कहते हैं कि जिस भी व्यक्ति पर इनकी कृपा पड़ती है तो धन-समृद्धि, पुत्र और शिक्षा की प्राप्ति होती है। इस दिन विशेष पूजा कर भगवान बृहस्पति की कृपा प्राप्त की जी सकती है।

बृहस्पतिवार के दिन जो भी व्यक्ति व्रत करता है श्री हरि का उनपर कृपा मिलती है। इसके अलावा बृहस्पति देव की कृपा से संतान और विवाह की समस्याएं दूर हो सकती हैं। यह व्रत हर प्रकार से सुख, शान्ति और समृद्धि देता है। बृहस्पतिवार के दिन इनका उपवास रखने और पीले वस्त्र पहनकर, केले के वृक्ष को पीले रंग की वस्तुएं अर्पित करके पूजन करनी चाहिए। उसके बाद कथा सुननी और आरती करें।

आइए जानें कैसे करें व्रत

इस व्रत को करने के लिए सबसे पहले प्रातःकाल स्नान करके व्रत का संकल्प लेना होता है, वहीं इसके बाद सूर्य को हल्दी मिलकर जल अर्पित करना है। इतना ही नहीं इसके बाद केले के पौधे में जल अर्पित किया जाता है। इतना ही नहीं ये सब करने के बाद बृहस्पति के मन्त्रों का जाप करें। आप चाहे तो बृहस्पति व्रत कथा भी कह और सुन सकते हैं। दिन में केवल जल और फल पर उपवास रखें। आप चाहे तो बृहस्पति देव को प्रसन्न करने के लिए गुरुवार के दिन गाय का घी, शहद, हल्दी, पीले कपड़े, किताबें, गरीब कन्याओं को भोजन का दान करें।

व्रत करने से क्या होता है लाभ

बृहस्पतिवार का व्रत रखने से संतान व संपत्ति का सुख प्राप्त होता है। इसके अलावा अगर विवाह में किसी भी तरह की समस्या या रूकावट आ रही है तो उसे दूर करने के लिए गुरुवार का व्रत और गाय के घी का दीपक प्रज्वलित करें। हर बृहस्पति वार को सुबह नहाकर ॐ ऐं क्लीं बृहस्पतये नमः मंत्र का जाप करें।

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