नई दिल्ली: गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई भारत में दो दिवसीय दौरे पर हैं। कल गूगल इंडिया के कार्यक्रम में कई महत्वपूर्ण घोषणाओं करने के बाद आज वह दिल्ली यूनिवर्सिटी के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स में छात्र-छात्राओं से रूबरू हो रहे हैं।
इस सेशन के कुछ अंश यहां पढ़ें:
– मुझे ऐसा लगता है जैसे कि मैं कोई बच्चा हूं जो दुकान में आ गया हो और चारों तरफ की दुनिया को उत्सुकता से देख रहा हो।
– हमारा सर्वाधिक फोकस यह सुनिश्चित करना है कि हम भविष्य को ध्यान में रखते हुए लगातार इनोवेट करते रहे और प्रॉडक्ट बनाते रहें।
– मुझे लगता है कि हमारा (गूगल का) हमेशा काफी महत्वाकांक्षी मिशन रहा है।
– जोखिम लेना अच्छा होता है, अवसर तो आते जाते रहेंगे लेकिन फोकस बना रहना चाहिए।
– खुद को री-इन्वेंट करने के लिए लगातार अवसरों की तलाश करते रहें।
– आज की पीढ़ी जोखिम लेने से पहले की पीढ़ी के मुकाबले कम घबराती है।
गोविंदाचार्य ने पिचाई से किए कुछ सवाल
– तकनीक की दुनिया में सबकुछ बहुत तेजी से बदलता है। 80 के दशक में कंप्यूटर्स की बस शुरुआत हुई थी। 10 साल बाद इंटरनेट आया। फिर 10 साल बाद स्मार्टफोन आए। इससे आप देख सकते हैं कि कैसे चीजें बदल रही हैं।
– IIT खड़गपुर के दिनों में, कोई इंटरनेट नहीं था। मेरे अंकल यूएस गए हुए थे और मैं सेमी-कंडक्टर्स में रुचि रखता था। मैं स्कूल में कुछ खास अच्छा लड़का नहीं था।