
नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि कश्मीर भारत का अखंड हिस्सा था है और रहेगा। अगर हमारी सरकार बनती है तो यहां से धारा 370 और धारा 35ए को हटा दिया जाएगा। केंद्रीय मंत्री ने सोमवार को समाचार एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में ये बातें कहीं। राजनाथ सिंह ने यहां लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कई अहम सवालों के जवाब दिए। इंटरव्यू में केंद्रीय मंत्री ने बालाकोट एयर स्ट्राइक से लेकर बीजेपी के घोषणापत्र और वर्तमान में विपक्षी नेताओं के यहां चल रहे आयकर के छापों पर खुल कर बात की। इसके अलावा उन्होंने कश्मीर मुद्दे पर भी कई बातें की। कश्मीर को लेकर उन्होंने कहा कि यह भारत का अटूट हिस्सा है और यहां पर अलग से प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति का गठन नहीं हो सकता है। दरअसल बीजेपी की तरफ से घोषणापत्र जारी किए जाने के कुछ समय बाद ही जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने अनुच्छेद 370 खत्म करने के बीजेपी के वादे पर भारत को चेतावनी दी थी।
इनके अलावा जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने भी इसी तरह का बयान दिया था। इसी से जुड़े सवाल पर राजनाथ सिंह ने कहा कि कश्मीर को भारत से कभी अलग नहीं किया जा सकता है। कोई भी फोर्स कश्मीर को भारत से अलग नहीं कर सकता है। उन्होंने आगे कहा कि हमने अपने घोषणापत्र में ये साफ कर दिया है कि अगर हम दोबारा से सत्ता में आते हैं तो आर्टिकल 35ए को निरस्त कर दिया जाएगा। भारत देश में दो राष्ट्रपति और दो प्रधानमंत्री के होने का कोई सवाल ही नहीं है। महबूबा मुफ्ती के बयान पर राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि अगर 35ए हटा दिया जाता है तो ना सिर्फ कश्मीर बल्कि भारत भी जल कर राख हो जाएगा। यह उनका फ्रस्ट्रेशन है और कुछ नहीं है। वे कुछ भी कह सकती हैं लेकिन हम वही करेंगे जो हमने निर्णय किया है। उनका ये बयान पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के उस बयान के सप्ताह भर बाद आया है जिसमें उन्होंने बांदीपोरा में कहा था कि कश्मीर में प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के पद को बहाल किया जाना चाहिए।
इन पर राजनाथ सिंह ने कहा कि हो सकता है कि वे चुनाव को देखते हुए इस तरह के बयान दे रहे हों लेकिन हमने अपनी बातें अपनी घोषणापत्र में लिखित रुप में दे दी हैं। उन्होंने साफ लहजे में कहा कि बीजेपी के सत्ता में आते ही धारा 370 को निरस्त किया जाएगा साथ ही 35ए को भी संविधान से हटा दिया जाएगा। बीजेपी का घोषणापत्र ये कहता है कि एनडीए सरकार जम्मू कश्मीर के विकास के रास्ते में आने वाले सभी बाधाओं को दूर करेगी। राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने हमेशा कश्मीरी जनता से संवाद करने की कोशिश की है। मैंने पिछले साढ़े तीन सालों में कई बार कश्मीर का दौरा किया है। शुरुआत में मैंने तत्कालीन सीएम मुफ्ती से कहा था कि वे मुझे वहां की जनता से बात करने दें लेकिन वे इसके लिए तैयार नहीं थे। यहां तक कि वे अपने सीएम के साथ ही संवाद करने को तैयार नहीं थे।
लेकिन अब ऐसा नहीं है अब मैं वहां जाता हूं और मैं किसी से भी बात कर सकता हूं। बता दें कि धारा 370 जम्मू कश्मीर के नागरिकों को एक स्पेशल स्टेटस प्रदान करती है। जम्मू-कश्मीर के भारतीय संघ में विलय के बाद इस राज्य को कुछ विशेष अधिकार दिए गए थे। संविधान में संशोधन के जरिए धारा 370 की व्यवस्था की गई जिसके तहत जम्मू-कश्मीर को मुख्य धारा में जोड़ने के लिए रियायतें दी गईं। वहीं अनुच्छेद 35ए जम्म एवं कश्मीर के नागरिकों को विशेष अधिकार देता है। बाहरी राज्य का कोई व्यक्ति जम्मू-कश्मीर जमीन नहीं खरीद सकता और जम्मू-कश्मीर की महिला यदि किसी बाहरी राज्य के व्यक्ति से शादी करती हौ तो उसका अपनी संपत्ति से मालिकाना हक समाप्त हो जाता है। इस विषय पर जम्मू -कश्मीर के राजनीतिक दल किसी तरह के बदलाव का विरोध कर रहे हैं। बता दें कि इस विषय पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई भी हो रही है।