अद्धयात्म

घर का सपना पूरा करते हैं ये गणपति, लेते हैं जल में समाधि

दस्तक टाइम्स एजेन्सी/ phpThumb_generated_thumbnail (92)जैसलमेर। रोटी, कपड़ा और मकान – हमेशा से इन्सान की सबसे बड़ी जरूरत रहे हैं। हर किसी का सपना होता है कि उसके पास एक अच्छा घर हो, जिसमें वह सुकून से रहे। घर का सपना साकार करने के लिए वह मेहनत करता है, साथ ही अपने इष्ट देव से भी मन्नत मांगता है।
 
राजस्थान के जैसलमेर जिले में स्थित एक गणेश मंदिर के बारे में मान्यता है कि जो भी यहां भगवान गणपति से सच्चे मन से प्रार्थना करता है, उसका अपने घर का सपना साकार हो जाता है। यह मंदिर मुख्यत: घर की मन्नत पूर्ण करने के लिए ही प्रसिद्ध है।
 
ऋषियों की तपोभूमि
मंदिर का इतिहास करीब 1,400 साल पुराना बताया जाता है। माना जाता है कि यहां चंवद नामक सिद्ध महात्मा ने कई वर्षों तक तपस्या की थी। कालान्तर में यह स्थान उन्हीं के नाम पर प्रसिद्ध हो गया। आज इसे चूंधी के नाम से जाना जाता है। यहां अन्य ऋषियों ने भी तपस्या की थी, इसलिए इस स्थान को विशेष पवित्र माना गया है।
 
प्रतिमा से जुड़ी कथा के अनुसार, इसका निर्माण किसी शिल्पी ने नहीं किया था। यह स्वत: भूमि से प्रकट हुई थी। बरसात के मौसम में यहां नदी बहती है और प्रतिमा जलमग्न हो जाती है। गणेश चतुर्थी से पहले जब बारिश होती है और प्रतिमा जलमग्न हो जाती है तो श्रद्धालुओं के मुताबिक यह इंद्र सहित समस्त देवताओं द्वारा गणपति का जलाभिषेक करने की प्रक्रिया है। 
 
मंदिर के दोनों तरफ दो कुएं हैं जिनके बारे में मान्यता है कि इनमें हरिद्वार से मां गंगा का जल आता है। यह भी माना जाता है कि एक बार किसी भक्त का कंगन हरिद्वार में गंगा में गिर गया था, जो बाद में यहां निकल आया। 
 

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