चर्बी से हैं आप परेशान तो अपनाएं ये आसान उपाय
मोटापे से परेशान लोग मछली के तेल का सेवन कर अपनी टमी को कम कर सकते हैं। एक नए शोध में इसकी पुष्टि की गई है।
शोध में बताया गया है कि 30 से 40 वर्ष की आयु के मोटापे से पीड़ित लोगों में मछली का तेल वसा कम करने वाली दवाइयों से तेज काम करता है।
मछली का तेल पाचन तंत्र के रिसेप्टर्स को सक्रिय, सिंपेथेटिक तंत्रिका तंत्र को उत्तेजित और वसा उपापचय से भंडारण कोशिकाओं को प्रेरित करता है।
वसा ऊतक सभी तरह के वसा को संग्रहित नहीं करते हैं बल्कि तथाकथित व्हाइट कोशिकाएं उर्जा की आपूर्ति बनाए रखने के लिए वसा को संग्रहित करती हैं। वहीं ब्राउन कोशिकाएं शरीर के तापमान को स्थिर रखने के लिए वसा का उपापचय करती हैं।
शिशुओं में ब्राउन कोशिकाओं की प्रचुर मात्रा होती है, लेकिन उम्र बढ़ने के साथ धीरे-धीरे इनकी संख्या में कमी आती है।
तीसरे प्रकार की बीज कोशिका का वैज्ञानिकों ने हाल ही में चूहों और मानवों में पता लगाया है जो काफी हद तक ब्राउन कोशिकाओं के समान कार्य करती है। यह कोशिकाएं वसा कम करने में मददगार होती हैं।
अध्ययन में कहा गया है कि पहले कई शोधों में मछली के तेल के गुणों को देखा है जिसमें वसा संचय की रोकथाम भी शामिल है लेकिन मछली के तेल का बीज कोशिकाओं से संबंध का अध्ययन किया है।
इस शोध में चूहों के दो समूहों को शामिल किया गया था। जिसमें एक समूह को वसायुक्त आहार और दूसरे समूह को मछली के तेल वाला वसायुक्त आहार दिया गया।
इसके बाद वैज्ञानिकों ने पाया कि सामान्य वसा युक्त आहार लेने वाले चूहों की तुलना में मछली के तेल लेने वाले चूहों का वजन 5-10 प्रतिशत कम था। इसके अलावा उन चूहों ने 15-25 प्रतिशत वसा कम ग्रहित किया था।