चाचा की बगावत के बाद अब बिहार में ‘आशीर्वाद यात्रा’ निकालेंगे चिराग, हर जिले का करेंगे दौरा
नई दिल्ली: स्वर्गीय रामविलास पासवान के भाई पशुपति कुमार पारस ने हाल ही में लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) को पूरी तरह से अपने कब्जे में ले लिया था। साथ ही वो पार्टी के संसदीय दल के नेता और राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बन गए। इसके बाद उनके भतीजे चिराग पासवान ने भी मोर्चा खोल दिया। साथ ही चाचा के खेमे के खिलाफ लॉबिंग शुरू कर दी। इसी के तहत दिल्ली में रविवार को एलजेपी के वरिष्ठ नेताओं के साथ उनकी बैठक हुई। जिसमें पशुपति पारस के अध्यक्ष बनने की प्रक्रिया को असंवैधानिक बताया गया।
बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए चिराग ने कहा कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में ज्यादा सदस्य मौजूद थे। सभी ने निष्कासित नेताओं द्वारा पार्टी के चिह्न और नाम के इस्तेमाल को गलत बताया। इसके अलावा बैठक में रामविलास पासवान को भारत रत्न देने और उनकी एक बड़ी प्रतिमा बिहार में स्थापित करवाने की मांग की गई। चिराग ने आगे कहा कि मेरे पिता की जयंती 5 जुलाई को पड़ती है। मेरे पिता और चाचा अब मेरे साथ नहीं हैं, इसलिए उन्होंने 5 जुलाई से हाजीपुर से ‘आशीर्वाद यात्रा’ निकालने का फैसला किया है। ये यात्रा बिहार के सभी जिलों से गुजरेगी, क्योंकि उन्हें लोगों के प्यार और आशीर्वाद की जरूरत है।