अद्धयात्म
चाणक्य नीतिः सिर्फ वासना से अंधा व्यक्ति नहीं देखता यह चीज
आचार्य चाणक्य ने मानव मन आैर मनोविज्ञान के आधार पर अनेक नियम बनाए। उन्होंने साधारण, श्रेष्ठ आैर निकृष्ट विशेषताआें के आधार पर मनुष्यों का मूल्यांकन किया। चाणक्य ने राजनीति में अनेक लोगों के व्यवहार का अध्ययन किया आैर उसी के आधार पर अपने नियमों को लिपिबद्घ किया। जानिए चाणक्य के अनमोल वचन।
मेहनत करने से दरिद्रता नहीं रहती, धर्म करने से पाप नहीं रहता, मौन रहने से कलह नहीं होता और जागते रहने से भय नहीं होता।
आंख के अंधे को दुनिया नहीं दिखती, वासना के अंधे को विवेक नहीं दिखता, मद के अंधे को अपने से श्रेष्ठ नहीं दिखता और स्वार्थी को कहीं भी दोष नहीं दिखता।