चीन का नया खेल, ब्रह्मपुत्र की सहायक नदी का पानी रोका
नई दिल्ली। चीन ने एक बार फिर भारत के लिए मुश्किलें खड़ी करनी शुरू कर दी हैं। चीन ने अपनी सबसे बड़ी परियोजना हाइड्रो प्रोजेक्ट के लिए तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी की एक सहायक नदी को बंद कर दिया है। चीन के इस कदम से भारत के असम, सिक्कम और अरुणाचल प्रदेश में पानी की आपूर्ति में कमी आ सकती है।
चीन ने अपनी सबसे महंगी पनबिजली परियोजना के निर्माण के तहत तिब्बत में ब्रह्मपुत्र की सहायक नदी का प्रवाह रोक दिया है। ससे भारत में चिंता पैदा हो सकती है क्योंकि इससे नदी के निचले बहाव वाले देशों में जल का प्रवाह प्रभावित होने की आशंका है।
चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने परियोजना के प्रशासनिक ब्यूरो के प्रमुख झांग युन्बो के हवाले से कहा कि तिब्बत के शिगाजे में यारलुंग झांग्बो (ब्रह्मपुत्र का तिब्बती नाम) की सहायक नदी शियाबुकू पर बन रही लाल्हो परियोजना में 4.95 अरब युआन (74 करोड़ डॉलर) का निवेश किया गया है।
शिगाजे को शिगात्जे के नाम से भी जाना जाता है। यह सिक्किम से लगा हुआ है। ब्रह्मपुत्र शिगाजे से होकर अरूणाचल आती है। खबर के अनुसार इस सबसे महंगी परियोजना का निर्माण कार्य जून 2014 में शुरू हुआ था। तय कार्यक्रम के अनुसार निर्माण कार्य 2019 तक पूरा हो जाएगा।
खबर में कहा गया कि यह अभी साफ नहीं हुआ है कि नदी का प्रवाह रोकने का नदी के निचले बहाव वाले देशों जैसे भारत और बांग्लादेश में जल प्रवाह पर क्या असर होगा। पिछले साल चीन ने 1.5 अरब डॉलर की लागत वाले जाम पनबिजली स्टेशन का संचालन शुरू कर दिया था जिसे लेकर भारत में चिंताएं उठी थीं। ब्रह्मपुत्र नदी पर बना यह पनबिजली स्टेशन तिब्बत में सबसे बड़ा पनबिजली स्टेशन है।
लेकिन चीन कहता रहा है कि उसने भारत की चिंताओं पर ध्यान दिया है। उसने साथ ही जल प्रवाह रोकने की आशंकाओं को दूर करते हुए कहा कि उसके बांध नदी परियोजनाओं के प्रवाह पर बने हैं जिन्हें जल रोकने के लिए नहीं बनाया गया है।
चीन की 12वीं पंचवर्षीय योजना की रूपरेखा से संकेत मिले हैं कि तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी की मुख्यधारा पर तीन और पनबिजली परियोजनाओं के कार्यान्वयन की मंजूरी दी गयी है। ब्रह्मपुत्र की सहायक नदी का प्रवाह ऐसे समय में रोका गया है जब भारत ने उरी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि से संबंधित वार्ता निलंबित करने का फैसला किया है।
बता दें कि उरी हमले के बाद भारत सिंधु जल समझौता को रद्द करने पर विचार कर रहा है। वहीं, दूसरी तरफ चीन ब्रह्मपुत्र की सहायक नदियों को रोककर भारत के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहा है। हालांकि चीन ने भारत-पाक के बीच चल रहे तनाव को लेकर किसी का पक्ष नहीं लिया है और बातचीत से मामले का हल निकालने की अपील की है।
ब्रह्मपुत्र नदी का पानी असम, सिक्कम और अरुणाचल प्रदेश में पहुंचता है। एक सहायक नदी को बंद किए जाने से इन राज्यों में पानी की आपूर्ति में कमी आ सकती है। बता दें कि पाकिस्तान धमकी दे चुका है कि अगर भारत ने सिंधु नदी का पानी रोका तो वह चीन के जरिए ब्रह्मपुत्र नदी का पानी रुकवा देगा।