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चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि चीन की संप्रभुता की रक्षा के जरूरी कदम उठाएंगे

दस्तक टाइम्स एजेन्सी/ south-china-sea_650x400_71444447902बीजिंग: चीन ने दक्षिण चीन सागर में विवादित द्वीप की ओर युद्धपोत भेजने के अमेरिका के ‘गैरजिम्मेदाराना’ कदम को लेकर निशाना साधते हुए चेतावनी दी कि अमेरिका की इस उकसावे वाली कार्रवाई का क्षेत्रीय स्थिरता के लिए ‘बहुत खतरनाक नतीजे’ हो सकते हैं।

चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता यांग युजुन ने कहा कि चीन की संप्रभुता की रक्षा के लिए चीनी सैन्य बल हर जरूरी कदम उठाएंगे। यांग के बयान उस वक्त आया है जब गाइडेड मिसाइल डेस्ट्रॉयर ‘यूएसएस कर्टिस विल्बर’ झोंगजियान दावो द्वीप के 12 समुद्री मील के क्षेत्र में चला गया था। यह उस शिक्सा द्वीप समूह का हिस्सा है जिस पर चीन, ताइवान और वियतनाम अपना दावा करते हैं।

अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कमांडर बिल अर्बन ने शनिवार को वाशिंगटन में कहा, ‘यह अभियान समुद्री क्षेत्र के दावों की उन चुनौतियों के बारे में है जो अमेरिका तथा दूसरे देशों के अधिकारों एवं स्वतंत्रता को बाधित करती हैं।’ यांग ने अमेरिकी कदम को दोनों पक्षों के लिए ‘बहुत गैरपेशेवर और गैरजिम्मेदाराना’ करार दिया तथा यह भी कहा कि इसे ‘बहुत खतरनाक नतीजे’ हो सकते हैं।

उन्होंने कहा कि अमेरिका की यह कार्रवाई ‘‘चीन के कानून का गंभीर उल्लंघन करती है, इससे जल क्षेत्रों में शांति, सुरक्षा और सुव्यवस्था को नुकसान पहुंचा है और साथ ही इलाके की शांति एवं स्थिरता को भी ठेस पहुंची है।’’ यांग ने कहा कि द्वीप पर मौजूद चीनी बलों, नौसेना के पोतों और युद्धविमानों ने तत्काल कार्रवाई की, अमेरिकी युद्धपोत को चिह्नित किया और ‘‘उसे चेतावनी देकर इलाके से बाहर कर दिया।’’

इस बीच चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा कि चीनी पक्ष ने निगरानी की और ‘‘उसने अमेरिकी युद्धपोत को मौखिक चेतावनी दी।’’

अमेरिका के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता मार्क राइट ने वाशिंगटन में कहा कि यूएसएस कर्टिस विल्बर तीन दावेदारों को पूर्व में सूचित किए बिना पार्सेल श्रृंखला में ट्राइटन द्वीप के 12 समुद्री मील (22 किलोमीटर) के इलाके में गया ताकि ‘‘पार्सेल द्वीप पर दावा करने वाले पक्षों के अत्यधिक समुद्री दावों को चुनौती दी जा सके।’’

पार्सेल पर चीन, ताईवान और वियतनाम अपना अपना दावा पेश करते हैं और उनका कहना है कि इस क्षेत्र में आने वाले पोत पहले उनकी अनुमति लें। यह ताजा अभियान मुख्य रूप से चीन को निशाना बनाकर किया गया था। चीन ने अमेरिका की इस कार्रवाई पर तत्काल जवाब दिया।

 

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