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चीन में मुस्लिमों से नास्तिक होने के शपथपत्र पर कराए गए हस्ताक्षर

चीन की कम्युनिस्ट पार्टी मुस्लिम धर्म के नेताओं को नास्तिक बनाया जा रहा है। पार्टी के मुस्लिम नेताओं से नास्तिक होने के शपथपत्र पर साइन करवाए जा रहे हैं। मुस्लिम नेताओं को शपथपत्र पर हस्ताक्षर करना है, जिसमें यह कहा गया है कि वह अपनी धार्मिक मान्यताओं को छोड़ चुके हैं। ‘मार्क्स की विचारधारा के प्रति अपनी निष्ठा और शुद्धता’ जाहिर करने के लिए पार्टी ने यह अभियान चलाया है।चीन में मुस्लिमों से नास्तिक होने के शपथपत्र पर कराए गए हस्ताक्षर

शपथ का यह अभियान मुस्लिम बहुल गानसू प्रांत के लिनशिया क्षेत्र में किया गया। पार्टी के आधिकारिक वेबसाइट पर इसकी जानकारी दी गई है। पार्टी की तरफ से देश भर में इस वक्त ऐसे कई अभियान चलाए जा रहे हैं, जिसका उद्देश्य जनता को धार्मिक झुकाव से दूर रखना है। पिछले कुछ समय में चीन में लोगों के बीच आध्यात्मिकता का प्रभाव बढ़ रहा है। चीन के संविधान में नास्तिकता को प्रमुखता दी गई है और कम्युनिस्ट पार्टी इसकी रक्षा के लिए विशेष प्रयास कर रही है। 
पार्टी चीन  में ईसाई धर्म के बढ़ते प्रभाव और कुछ मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा धार्मिक कार्यों को करने को लेकर भी चिंतित है। पार्टी जनरल में धार्मिक मामलों के राज्य प्रशासक वांग जुआंग ने कुछ दिन पहले की एक लेख में लिखा था, ‘पार्टी सदस्यों को धार्मिक विश्वासों से दूर रहना है। यह पार्टी की लक्ष्मण रेखा है जिसका उल्लंघन नहीं किया जा सकता।’ 

पिछले कुछ समय में चीन के जिन क्षेत्रों मे धर्म का प्रभुत्व बढ़ रहा है, वहां ऐसे कई अभियान चलाए गए हैं। हेनन प्रांत के जिआओजू में यह अभियान चलाया गया। साउथ वेस्ट चीन के लिनशिया प्रांत में जहां तिब्बती समुदाय के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं, वहां भी यह अभियान चलाया जा चुका। लिनशिया में हुए कार्यक्रम में पार्टी चीफ यांग युआंगहॉन्ग ने सभी पार्टी सदस्यों को संविधान का पालन करने का निर्देश दिया। 

पार्टी चीफ ने कहा कि सभी सदस्यों को धार्मिक गतिविधियों से दूर रहना होगा और मार्क्सिस्ट संविधान का पालन पूरी निष्ठा से करना होगा। लिनशिया में मुस्लिम आबादी 20 लाख से अधिक है और इसे चीन का मक्का भी कहा जाता है। 

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