छठी मैया पूरी करेंगी हर मनोकामना, ऐसे करें अराधना
नई दिल्ली (6 नवंबर): भगवान भास्कर के आस्था के पर्व छठ की बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में तैयारियां जोरों पर है। हालांकि अब ये पर्व पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाने लगा है। इसके तहत तमाम जगहों पर नदी और तालाबों के किनारे घाटों की सफाई समेत तमाम कार्य जोर शोर से किए जा रहे हैं। 6 नवंबर की शाम को श्रद्धालु खसकर महिलाएं अस्ताचल सूर्य यानी डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देंगी, जबकि 7 नवंबर की सूबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। इस पर्व की महत्ता का अंजादा इसी बात से लगाई जा सकती है कि बड़े से बड़े रसूखदार लोग भी नदी या फिर तालाब के किनारे खुले आसमान में रहकर भगवान सूर्य को अर्घ्य देते हैं, सूर्य मंदिरों में पूजा अर्चना करते हैं।
मान्यता के मुताबिक छठ के दौरान सच्चे मन से नदी या तालाब में स्नान कर सूर्य की उपासना करने से निश्चित ही कल्याण होता है। इस दौरान भगवान सूर्य को चढ़ाने के लिए खास पकवान बनाने की परंपरा है। इस दौरान उपासक मैदे से बने ठेकुआ, पूड़ी, गुंजिए जैसे पकवानों को बनाते हैं। इन पकवानों का उपयोग सूर्य को अध्र्य देने के दौरान उपयोग किया जाता है। इन पकवानों को बनाने का सिलसिला व्रत के दिन से शुरू हो जाता है। मान्यता है कि पकवान बनाते समय किसी भी प्रकार की अशुद्धता होने पर व्रत को खंडित माना जाता है। ऐसी स्थिति में उपासक अन्य व्रतधारियों से अर्पित होने वाले पकवानों को मांग कर चढ़ाते है।